बस इतनी सी बात से नाराज हो गए थे मुलायम सिंह, मंच पर ही इंस्पेक्टर को पटक दिया था

Mulayam Singh Yadav : यह किस्सा मैनपुरी के करहाल का है। यहां एक कवि सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में मुलायम सिंह यादव भी पहुंचे थे। कवियों को सुनने के लिए भारी संख्या में लोग उमड़े थे।

when Mulayam singh yadav picked up police inspector and slammed him on stage
मैनपुरी के करहाल में मुलायम ने इंस्पेक्टर को पटक दिया था।  |  तस्वीर साभार: PTI

Mulayam Singh Yadav : उत्तर प्रदेश की राजनीति से जुड़े कई रोचक किस्से हैं। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी रोचक किस्सों से अछूते नहीं हैं। उनसे जुड़ी कई किस्से-कहानियां कही-सुनी जाती हैं। ऐसा ही उनसे जुड़ा 1960 का एक किस्सा है जिसकी चर्चा खूब होती है। यह वह समय था जब मुलायम सियासत से दूर थे। उस समय उनकी पहचान नेता के रूप में नहीं बल्कि पहलवान के रूप में हुआ करती थी। वह इलाके में कुश्ती में जोर आजमाया करते थे। वह इलाके में दूर-दूर तक अखाड़ों में अपनी ताकत का परिचय कराते थे। 

मैनपुरी के करहाल की है घटना
यह किस्सा मैनपुरी के करहाल का है। यहां एक कवि सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में मुलायम सिंह यादव भी पहुंचे थे। कवियों को सुनने के लिए भारी संख्या में लोग उमड़े थे। उन दिनों मंचीय कवि के रूप में दामोदर स्वरूप 'विद्रोही' काफी मशहूर थे, उनकी ओजपूर्ण एवं विद्रोही कविताओं को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते थे। इस कवि सम्मेलन में ' विद्रोही' को सुनने के लिए भारी भीड़ जुटी थी। कवि सम्मेलन में दामोदर ने जैसे ही अपनी कविता 'दिल्ली की गद्दी सावधान' पढ़ना शुरू किया, वहां मौजूद इंस्पेक्टर ने उन्हें यह कविता पढ़ने से रोक दिया। 

'विद्रोही' को मुलायम ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया
इंस्पेस्टर ने 'विद्रोही' से कहा कि आप सरकार के खिलाफ इस तरह की कविता सार्वजनिक मंच से नहीं पढ़ सकते। विद्रोही को मंच से उतार कर दूर ले जाया गया। यह देखकर मुलायम सिंह यादव ने अपना आपा खो दिया। वह दौड़कर मंच की तरफ आए और पुलिस इंस्पेक्टर को वहीं उठाकर पटक दिया। इलाके में इस घटना की खूब चर्चा हुई। मुलायम की इस दिलेरी ने उन्हें खूब ख्याति दिलाई। मुलायम 'विद्रोही' की कविताओं को खूब पसंद करते थे। जब वह पहली बार उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने दामोदर स्वरूप को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पुरस्कार साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित किया। 

पहले विस चुनाव में कांग्रेस को मिली थी प्रचंड जीत, 20 सीटें पाने वाले राजनारायण बने थे विपक्ष के नेता

खराब सेहत की वजह से राजनीति से हुए दूर
मुलायम सिंह 83 साल के हो चुके हैं। बढ़ती उम्र एवं सेहत की वजह से वह राजनीति से दूर हैं। वह तीन बार यूपी के सीएम और देश के रक्षा मंत्री रहे। समाजवादी पार्टी की कमान अब उनके बेटे अखिलेश यादव के हाथों में है। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने लोगों के हित में कई फैसले किए तो अयोध्या में राम भक्तों पर गोली चलवाने का उन पर दाग भी लगा। मुलायम सिंह यादव के बारे में कहा जाता है कि उन्हें यूपी की राजनीति की बहुत गहरी एवं बारीक समझ है। लोग बताते हैं कि जब तक वह राजनीति में सक्रिय थे तब तक वह सूबे की हर सीट के बारे में जानकारी रखते थे।  

अगली खबर