UP Elections 2022: यूपी में बड़ी रैली नहीं करेगी कांग्रेस , 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' मैराथन से भी किया तौबा 

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रंजीता झा
रंजीता झा | SPECIAL CORRESPONDENT
Updated Jan 05, 2022 | 14:01 IST

Uttar Pradesh assembly Elections 2022 : उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने टाइम्स नाउ नवभारत के साथ बातचीत में कहा कि पार्टी यूपी में बड़ी रैलियां नहीं करेगी। पार्टी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए छोटी रैलियां करेगी। 

Congress cancels its big political rallies in UP also postpones its 'Ladki Hun Lad Sakti Hun'marathon
यूपी में बड़ी रैलियां नहीं करेगी कांग्रेस।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वह यूपी में पड़ी रैलियां नहीं करेगी
  • कोरोना के बढ़ते मामलों के देखते हुए पार्टी ने लिया फैसला
  • 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' मैराथन भी आयोजित नहीं करेगी

लखनऊ :  कोरोना एवं ओमीक्रोन के बढ़ते मामले को देखते हुए कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपनी सभी बड़ी रैलियां रद्द करने का फैसला किया है। पार्टी ने कहा है कि वह यूपी में बड़ी रैलियां नहीं करेगी। राज्य में जो भी उसकी छोटी रैलियां होंगी वे कोविड नियमों का पालन करते हुए होंगी। कांग्रेस 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' मैराथन दौड़ भी आयोजित नहीं करेगी। मंगलवार को बरेली में 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' मैराथन दौड़ के दौरान मची भगदड़ पर कांग्रेस पार्टी सवालों के घेरे में आ गई है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने टाइम्स नाउ नवभारत के साथ बातचीत में कहा कि पार्टी यूपी में बड़ी रैलियां नहीं करेगी। पार्टी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए छोटी रैलियां करेगी। 

यूपी में बढ़ रहे हैं कोरोना संक्रमण के केस

राज्य में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए कांग्रेस का यह फैसला अहम है। इस साल की शुरुआत में यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं। राजनीतिक दलों की रैलियों में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ गया है। कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के लिए यूपी सरकार ने मंगलवार को नए सिरे से गाइडलाइन जारी की। राज्य सरकार ने नाइट कर्फ्यू की अविध दो घंटे बढ़ा दी है। अब रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि अभी उसका विचार वीकेंड कर्फ्यू लगाने का नहीं है।   

कांग्रेस ने अन्य दलों पर बनाया दबाव

बड़ी रैलियां रद्द करने के अपने फैसले से कांग्रेस ने अन्य राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने का काम किया है। अब दूसरे दलों को भी अपनी रैलियों के बारे में सोचना पड़ेगा। कांग्रेस की ओर से अपनी बड़ी रैलियां स्थगित करने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रवक्ता अनिला सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी को वर्चुअल रैली का समर्थन करती है लेकिन इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को एक साथ निर्णय करना पड़ेगा। केवल भाजपा अपनी रैलियां स्थगित नहीं कर सकती है। 

के सी वेणुगोपाल ने क्या कहा

कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि प्रियंका गांधी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में अगले 15 दिनों के लिए बड़ी रैलियां स्थगित कर दी गई हैं। दूसरे प्रदेश अध्यक्षों को भी कोरोना के हालत देखते हुए निर्णय लेने के लिए कहा गया है।

अजय कुमार लल्लू का ईसी को पत्र

इस बाबत उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्य चुनाव आयुक्त को दो पन्ने का पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह कोरोना को देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों पर बड़ी रैली करने पर रोक लगा दे। वही प्रोटोकॉल को देखते हुए छोटी रैलियों और नुक्कड़ की इजाजत दी जाये। लल्लू ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि पंचायत चुनाव के लिए राज्य सरकार ने शिक्षकों को ड्यूटी के लिए बाध्य किया था जिसके बाद कोरोना से कई शिक्षकों की जान चली गई।

क्या अन्य राज्यों में भी ऐसा ही फैसला करेगी कांग्रेस?

यूपी में लिए फैसले के बाद अब सवाल उठने लगा है कि क्या कांग्रेस इसी तरह का फैसला उत्तराखंड, पंजाब और अन्य चुनावी राज्यों के लिए भी लेगी? क्योंकि आने वाले हफ्ते में राहुल गांधी 15 जनवरी को पंजाब,16 जनवरी को गोवा और 18 जनवरी को उत्तराखंड में रैली करेंगे। वही 9 जनवरी को प्रियंका गांधी की उत्तराखंड में चुनावी रैली प्रस्तावित है। अब देखना है कि ये रैलियां कांग्रेस करती है या सभी पार्टियों के लिए एक बड़ा संदेश देते हुए रैलियां रद्द होगी।

सपा ने कहा-सरकार करे फैसला

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बड़ी रैलियों का आयोजन इसलिए भी नहीं कर सकती क्योंकि उसके दोनों बड़े नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चुनावी समर से बाहर हैं। राहुल गांधी देश से बाहर हैं तो कोरोना की वजह से प्रियंका गांधी आइसोलेशन में हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के पास ऐसा कोई बड़ा चेहरा नहीं है जो रैलियों में ज्यादा भीड़ जुटा सके। इसलिए रैलियां रद्द करने के पीछे यह भी एक बड़ा कारण है। वहीं, सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि रैलियां रद्द करने के बारे में फैसला सरकार को करना चाहिए।   

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