Smita Patil Birthday: बॉलीवुड की शानदार अदाकारा स्मिता पाटिल की आज (17 अक्टूबर) जन्मतिथि है। आज ही के दिन साल 1955 में पुणे में उनका जन्म हुआ था। 31 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाली स्मिता ने 19 की उम्र में डेब्यू किया था। 31 साल की उम्र में चाइल्डबर्थ कॉम्प्लिकेशंस के कारण उनकी डेथ हो गई थी। एक्टिंग जगत में आने से पहले कुछ समय के लिए वह दूरदर्शन के मुंबई केंद्र में न्यूज रीडर हुआ करती थीं।
19 साल की उम्र में साल 1974 में उन्हें पहली फिल्म मिली जिसका नाम था 'राजा शिव छत्रपति'। यह फिल्म हिंदी और मराठी भाषा में रिलीज हुई। इसके बाद वह मेरे साथ चल, सामना, निशांत, मंथन जैसी फिल्मों में नजर आईं। 1977 में वह एक फिल्म में नजर आईं जिसका नाम था भूमिका। श्याम बेनेगल की इस फिल्म में वह अमोल पालेकर के अपोजिट नजर आई थीं। इस फिल्म के लिए उन्हें नेशनल फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया था। अपने 10-12 साल के फिल्मी करियर में स्मिता पाटिल को दो बार नेशनल फिल्म पुरस्कार, तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कारों से नवाजा गया। वहीं निधन से एक वर्ष पूर्व उन्हें पद्मश्री पुरस्कार भी दिया गया।
स्मिता पाटिल का व्यक्तित्व काफी अलग किस्म का रहा। उन्होंने उन फिल्मों मे काम करने को प्राथमिकता दी जो परंपरागत भारतीय समाज में शहरी मध्यवर्ग की महिलाओं की प्रगति तथा सामाजिक परिवर्तन का सामना कर रही महिलाओं के सपनों की अभिव्यक्ति कर सकें। स्मिता के पिता शिवाजीराव पाटिल महाराष्ट्र सरकार मे मंत्री और माता एक सामाजिक कार्यकर्ता थीं। शायद उनके व्यक्तित्व पर माता पिता का प्रभाव रहा होगा।
फिल्म 'भीगी पलकें' के दौरान राज बब्बर और स्मिता पाटिल के बीच प्यार पनप गया था। 80 के दशक में ही यह दोनों लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने लगे थे। राज बब्बर पहले से शादीशुदा थे और उन्होंने नादिरा को छोड़ स्मिता से शादी तक रचा ली थी।
अमिताभ संग आईं नजर
फिल्म नमक हलाल फिल्म का गाना 'आज रपट जाएं' बॉलीवुड के सबसे पॉपुलर रेन सॉन्ग में से एक है। स्मिता ने अमिताभ बच्चन के साथ ये गाना किया तो उन्हें लगा कि दर्शक जब इस अवतार में देखेंगे तो क्या सोचेंगे। ये स्मिता पाटिल की पहली कॉमर्शियल फिल्म थी। इस गाने को करने के बाद वह घर जाकर रात भर रोई थीं। अगले दिन जब स्मिता सेट पर पहुंचीं तो अमिताभ बच्चन उनकी हालत देखकर समझ गए। उन्होंने स्मिता को समझाया कि ये गाना स्क्रिप्ट की डिमांड है।
हो गया था मौत का अहसास
स्मिता पाटिल को अपनी मौत का एहसास भी हो गया था। ऑथर भावना सोमाया ने लिखा कि- स्मिता पुरानी यादों में खो गई थीं। उन्होंने राज बब्बर से पहली मुलाकात और अपनी बहनों- अनिता और मान्या के साथ बिताए पलों को याद किया। स्मिता की अचानक तबीयत बिगड़ने लगी। डॉक्टर ने कहा मामूली सा बुखार है। शाम को राज बब्बर एक इवेंट से वापस आए। उन्होंने देखा स्मिता का चेहरा पीला पड़ गया। वह खून की उल्टियां कर रही हैं। हॉस्पिटल ले जाने तक वह कोमा में चली गई। 13 दिसंबर 1986 को उनकी डेथ हो गई।
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