Sonu Nigam Career journey: मुंबई से कोसों दूर हरियाणा के फरीदाबाद में पैदा हुए सोनू निगम शादी पार्टियों में मोहम्मद रफी के गाने गाते थे। उन्होंने एक सपना देखा था, जिसे पूरा करना इतना आसान नहीं था। हौंसले बुलंद हों, तो कोई हर सपना पूरा करने की ताकत मिलती है। सोनू मेहनती थे। उनके पिता भी शादियों में गाते थे। वह अपने पिता के साथ जाया करते और मेहमानों को गाने सुनाते।
सोनू निगम अपने पिता अगम निगम के साथ एक कार्यक्रम में गए थे और यहां उन्होंने मोहम्मद रफी का गाना 'क्या हुआ तेरा वादा' गाया था। उसके बाद वहां तालियां बज उठीं। फिर क्या था सोनू निगम को उनके पिता अपने साथ अक्सर ले जाने लगे और स्टेज शो करने लगे। सोनू निगम 19 की उम्र में सिंगर बनने का सपना लेकर मुंबई आए थे। यहां उन्होंने मोहम्मद रफी के गानों को स्टेज पर गाना शुरू किया।
एक स्टेज शो के दौरान उन पर टीसीरीज की नजर पड़ी और वह प्लेबैक सिंगर बन गए। टीसीरीज ने उनकी पहली अलबम 'रफी की यादें ' लॉन्च की और सोनू निगम देशभर में मशहूर हो गए। जो गायकी का हुनर सोनू निगम को विरासत में अपने पिता अगम निगम से मिला, उसे सोनू ने बखूबी आगे बढ़ाया। फरीदाबाद में जन्मे सोनू निगम का यहां तक का सफर बेहद संघर्ष भरा रहा है।
बॉलीवुड के सबसे महंगे सिंगर्स की लिस्ट में शुमार सोनू निगम 'संदेशे आते है', 'कल हो ना हो' और 'सूरज हुआ मद्धम' जैसे दिलकश गानों के लिए मशहूर हैं। सोनू ने अपना पहला गीत फ़िल्म 'जनम' के लिए गाया, जो रिलीज़ नहीं हो पाया। उनको बड़ी सफलता तब मिली जब उनका गाया हुआ गाना 'अच्छा सिला दिया तुने मेरे प्यार का' धूम मचाने लगा। इसके बाद सोनू बॉलीवुड फिल्ममेकर्स की पहली पसंद बन गए।
सोनू निगम ने अपनी गायकी से वह मुकाम पाया है जो अच्छों अच्छों को नसीब नहीं होता है। आज के दौर में भले ही सोनू निगम फिल्मों के लिए कम गाते हों, लेकिन एक दौर था जब शायद ही ऐसी कोई फिल्म रिलीज होती थी जिसमें उनका गाना ना हो। अब तक हजारों गानों को अपनी आवाज देने वाले सोनू निगम को गायन के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। उन्हें नेशनल अवॉर्ड लेकर फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुके हैं।
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