दो साल तक पाकिस्तान की जेल में रहे थे ए.के.हंगल, आखिरी में वक्त में अमिताभ बच्चन ने की थी मदद

AK Hangal Death Anniversary: शोले के रहीम चाचा यानी ए.के.हंगल की डेथ एनिवर्सरी है। 52 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने वाले ए.के.हंगल ने 225 फिल्मों में काम किया था। जानिए उनके बारे में दिलचस्प बातें...

A.K.Hangal
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मुख्य बातें
  • शोले के रहीम चाचा ए.के.हंगल की 26 अगस्त को डेथ एनिवर्सरी है।
  • साल 2012 में ए.के.हंगल का 98 साल की उम्र में निधन हो गया था।
  • ए.के.हंगल ने 52 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की थी।

A.K Hangal Death Anniversary: शोल के रहीम चाच यानी वेट्रन एक्टर अवतार कुमार (ए.के) हंगल की 26 अगस्त को डेथ एनिवर्सरी है। ए.के.हंगल का साल 2012 में 98 साल की उम्र में निधन हो गया था। ए.के हंगल का जन्म 1 फरवरी 1914 को ब्रिटिश भारत के सियालकोट (अब पाकिस्तान) में एक कश्मीरी पंडित फैमिली में हुआ था। उन्होंने 52 साल की उम्र में बासु भट्टाचार्य की फिल्म तीसरी कसम से बॉलीवुड में कदम रखा था। इससे पहले वह 1929 से लेकर 1947 तक आजादी की लड़ाई में काफी सक्रिय थे। 

ए.के.हंगल  का बचपन से ही रूझान थिएटर की तरफ था। उन्होंने पेशावर में कई नाटकों में अहम रोल निभाए थे। बड़े होकर ए.के.हंगल ने दर्जी का काम किया था। इस दौरान उन्होंने साल 1936 में पेशावर में संगीत प्रिया मंडल थिएटर ग्रुप ज्वाइन कर लिया था और साल 1946 तक कई नाटकों में हिस्सा लिया। पिता के रिटायरमेंट के बाद उनका परिवार पेशावर से कराची आ गया था। वामपंथी विचारधारा से जुड़े होने के कारण वह दो साल तक पाकिस्तान की जेल में रहे थे। देश का बंटवारे होने के बाद वह साल 1949 में बंबई आ गए। साल 1949 से 1965 तक ए.के.हंगल थिएटर में काफी एक्टिव रहे थे।     

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तीसरी कसम से किया डेब्यू
साल 1966 में उन्होंने फिल्म तीसरी कसम से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद वह शागिर्द, बंबई रात की बाहों में, सात हिंदुस्तानी, सारा आकाश, धरती कहे पुकार के, हीर रांझा जैसी कई फिल्मों में काम किया। वह अक्सर लीड एक्टर या एक्ट्रेस के पिता या चाच के रोल में नजर आते थे। साल 1975 में आई फिल्म शोले में रहीम चाचा के किरदार को आज भी याद किया जाता है। इस फिल्म में उनका डायलॉग 'इतना सन्नाटा क्यों है भाई' आज भी फैंस की जुबान पर है। फिल्मों के अलावा उन्होंने कई टीवी सीरियल में काम किया। साल 2012 में मधुबाला-एक इश्क, इक जुनून में वह आखिरी बार नजर आए थे।   

बेहद मुश्किल में गुजरे थे आखिरी दिन
ए.के. हंगल ने कुल 225 फिल्मों में काम किया था। साल 2006 में उन्हें भारत सरकार द्वारा देश के तीसरे सर्वोच्च सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। इसके बावजूद उनके आखिरी दिन बेहद तकलीफ में गुजरे थे। ए.के.हंगल के परिवार को आर्थिक तंगियों का सामना करना पड़ा था। 

ए.के हंगल के बेटे विजय एक फोटोग्राफर थे लेकिन, पीठ की समस्या के कारण वह कोई काम नहीं कर पा रहे थे। ए.के.हंगल के इलाज के लिए अमिताभ बच्चन के परिवार ने 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद की थी। इसके अलावा फिल्म इंडस्ट्री के कई सेलेब्स मदद के लिए आगे आए थे।    

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