Lock Upp: 3500 रुपए का कर्ज नहीं चुका पाई थीं मुनव्वर फारूकी की मम्मी, एसिड पीकर की थी आत्महत्या

Munnawar Faruqui Lock Upp: मुनव्वर फारूकी ने लॉक अप में एक बार फिर अपनी पर्सनल लाइफ से जुड़े खुलासे किए हैं। मुनव्वर ने कहा कि उनकी मम्मी ने एसिड पीकर आत्महत्या पी ली थी।

Munnawar Faruqui
Munnawar Faruqui 
मुख्य बातें
  • मुनव्वर फारूकी ने लॉक अप में कई बड़े खुलासे किए हैं।
  • मुनव्वर फारूकी ने बताया कि उनकी मम्मी ने एसिड पी लिया था।
  • मुनव्वर के मुताबिक उनकी मम्मी पर 3500 रुपए का कर्ज था।

Munnawar Faruqui on mother's day. टीवी शो लॉक अप में एक बार फिर कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। मुनव्वर फारूकी ने बताया कि उनकी मम्मी पर काफी ज्यादा कर्ज था। ऐसे में उन्होंने एसिड पीकर आत्महत्या की कोशिश की थी। गौरतलब है कि मुनव्वर ने इससे पहले इसी शो में बताया था कि उनकी शादी हो चुकी है और वह एक बच्चे के पिता भी हैं।  

लॉक अप के ताजा टास्क में कंटेस्टेंट के सामने कुछ शब्द रखे गए थे, इन शब्द से जुड़े कंटेस्टेंट्स को अपनी पर्सनल लाइफ के खुलासे करने थे। मुनव्वर के हिस्से में मां शब्द आया। इसके बाद उन्होंने बताया कि साल 2007 में उनकी मम्मी का निधन हो गया था। मुनव्वर कहते हैं, 'साल 2007 में हमारे गांव में बेहद ठंड हो रही थी। मुझे याद है मेरी दादी मुझे सुबह सात बजे जगाने के लिए आई। उन्होंने मुझसे कहा कि मम्मी को कुछ हो गया है और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। मैं उठा और तुरंत अस्पताल की तरफ गया, जो मेरे घर से केवल 10 मिनट की दूरी पर स्थित था।' 

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मम्मी ने पिया था एसिड
मुनव्वर आगे कहते हैं, 'मैं जैसे ही अस्पताल पहुंचा तो मैंने देखा कि मम्मी को इमरजेंसी रूम से बाहर लाया जा रहा है। वह अपना पेट पकड़कर जोर-जोर से चिल्ला रही हैं। मेरे बड़े पापा, बड़ी अम्मी, पापा और मेरी बहन वहां पर थे। उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं ता कि क्या हुआ है। हम मम्मी को बड़े अस्पताल ले गए, जो थोड़ा ज्यादा दूर था। हॉस्पिटल वालों ने उन्हें कुछ दिया लेकिन, कुछ काम नहीं आया। मैं बहुत ज्यादा डरा हुआ था। मुझसे मेरी बड़ी अम्मी ने कहा, 'तेरी मम्मी ने एसिड पी लिया है। मै अपनी खाला की बेटी के पास गया, जो नर्स भी थीं और उन्हें सब कुछ बताया। उस दिन जुम्मा था और पूरा मोहल्ला आ गया था।' 

3500 रुपए का था कर्ज
बकौल मुनव्वर, 'मैं अपनी मम्मी का हाथ पकड़ा हुआ था और मुझे लग रहा था कि सबकुछ ठीक हो जाएगा। तभी मैंने देखा कि डॉक्टर आपस में कुछ चर्चा कर रहे थे और उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने जबरदस्त मेरी हाथ छुड़वाया। तब मुझे एहसास हुआ कि मेरी मम्मी नहीं रही।'

मुनव्वर आखिर में कहते हैं, 'साल 2007 बेहद मुश्किल भरा वक्त था। मेरी मम्मी पर 3500 रुपए का कर्ज था, जो उन्होंने साहूकार से लिया था। हर महीने वह आकर 700 रुपए मांगता था। मैं हमेशा ये सोचता हूं कि मेरे पास 3500 रुपए क्यों नहीं थे। आज मैं कमा रहा हूं, स्थिर हूं लेकिन, क्या फायदा। ये मेरे दिल और दिमाग से नहीं जा रही है।'

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