कोविड-19 जैसे महामारी से लड़ने के लिए वेंटिलेटर एक महत्वपूर्ण उपकरण है। बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या दुनिया में बढ़कर 17.84 लाख हो गई है। दुनिया में कोरोना वायरस से अब तक 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं सिर्फ भारत में अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हुई है। ऐसी परिस्थिति में वेंटिलेटर का इस्तेमाल कोविड-19 के मरीजों को सांस लेने के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं कोरोना वायरस मरीजों में लगभग 10 प्रतिशत को वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है।
कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ने के लिए वेंटिलेटर की कमी बताई जा रही थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस महामारी से लड़ने के लिए कम से कम एक लाख वेंटिलेटर होने चाहिए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है तो 2 लाख वेंटिलेटर की आवश्यकता हो सकती है। बता दें कि वेंटिलेटर मरीजों को ठीक नहीं करता बल्कि यह एक जीवन सहायता उपचार है। भारत में वेंटिलेटर यूरोप और चाइना से मंगवाया जाता था,लेकिन हालात को देखते हुए हाल ही में महिंद्रा कंपनी ने वेंटिलेटर्स का प्रोडक्शन करने की घोषणा की थी। जिसे बाद में अस्पताल में मुहिया कराया जाएगा।
कोरोना के संक्रमण से जूझने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा ने बड़ी घोषणा की थी, जिससे संक्रमित मरीजों को खासी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। कंपनी ने कहा है कि वह केवल 7,500 रुपये में वेंटिलेटर पेश कर सकती है। वहीं बीते दिनों पूणे में एक एक स्टार्ट-अप एनओसीएए रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के इंजीनियर ने कम लागत में वेंटिलेटर विकसित करने की बात कही थी।बता दें कि यह एक पूर्ण वेंटिलेटर नहीं है। इसमें ऐसी विशेषताएं हैं जो विशेष रूप से COVID-19 रोगियों के लिए हैं।
क्या है वेंटिलेटर और कैसे करता है काम
वेंटिलेटर एक प्रकार का जीवन सहायता उपचार है। जो कि इंजीनियरों द्वारा निर्मित और डिजाइन किया गया होता है। इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने दम पर सांस लेने में सक्षम नहीं होता है। इसके अलावा इसे मैकेनिकल वेंटिलेशन भी कहा जाता है। वेंटिलेटर मरीज के मुंह, नाक या गले में एक छोटे से कट के जरिए से एक ट्यूब श्र्वास नली में डाली जाती है। एयरवेस की सुरक्षा के लिए भी वेंटिलेटर का उपयोग किया जा सकता है।
- कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले व्यक्तियों को सांस लेने में समस्या होती है, क्योंकि यह बीमारी फेफड़ों को प्रभावित करता है। ऐसे में फेफड़ों में संक्रमण जैसे निमोनिया और सांस लेने में अधिक समस्या होने से लोगों को मौत हो जाती है। वेंटिलेटर की मदद से हम मरीजों के फेफड़े को डैमेज होने से रोक सकते हैं। इसके साथ ही वेंटिलेटर की मदद से उन्हें सांस लेने में सहायता होगी।
- वेंटिलेटर एक प्रकार का मशीन है, जिसकी मदद से अधिक मात्रा में ऑक्सीजन को फेफड़ों में भेजने के लिए दबाव बनाती है और फेफड़ों से कार्बन डाईऑक्साइट वापस लेती है। वेंटिलेटर की मदद से मरीज आराम से सांस लेते हैं। वहीं मरीज के आसपास वेंटिलेटर को सेट किया जा सकता है, जिसकी मदद से मरीज अपनी आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन दिया जाता है।