गरारे किए हुए पानी के नमूने से भी हो सकती है कोरोना जांच, बचेगा पीपीई किट पर होने वाला खर्च

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भाषा
Updated Aug 21, 2020 | 06:45 IST

Covid-19 test: आईसीएमआर के एक रिसर्च के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए गरारे किए हुए पानी के नमूने भी विकल्‍प हो सकते हैं।

गरारे किए हुए पानी के नमूने से भी हो सकती है कोरोना जांच, बचेगा पीपीई किट पर होने वाला खर्च
गरारे किए हुए पानी के नमूने से भी हो सकती है कोरोना जांच, बचेगा पीपीई किट पर होने वाला खर्च  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए फिलहाल लार के नमूने लिए जाते हैं
  • हालांकि ICMR के एक‍ रिसर्च के मुताबिक, इसके लिए गरारे किए हुए पानी के नमूने भी लिए जा सकते हैं
  • माना जा रहा है कि इस तरह से सैंपल जमा करना लार के नमूने एकत्र करने के मुकाबले आसान होगा

नई दिल्ली : कोविड-19 की पहचान के लिए लार के नमूनों की जगह गरारे किए हुए पानी के नमूने परीक्षण के लिए व्यवहार्य विकल्प हो सकते हैं। यह न केवल जमा करने के लिहाज से आसान हो सकते हैं बल्कि नमूने जमा करने के लिए इसमें प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की जरूरत भी नहीं होगी।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के भारतीय चिकित्सा अनुसंधान जर्नल में छपे एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। इस तरह से नमूने जमा किए जाने का व्यापक असर होगा और इससे लार और पीपीई किट की जरूरत नहीं होने से खर्च में भी कटौती होगी।

'सार्स-कोविड-2 की पहचान के लिए लार के नमूने के विकल्प के तौर पर गरारे किया हुआ पानी' शीर्षक से प्रकाशित इस अनुसंधान के लेखकों में डॉक्टर नवीत विग, डॉक्टर मनीष सोनेजा, डॉक्टर नीरज निश्चल और डॉक्टर अंकित मित्तल एम्स के मेडिसिन विभाग से हैं जबकि अन्य लेखक डॉक्टर अंजन तिरखा और डॉ. कपिल देव सोनी एम्स के एनेसथिसिया एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग से हैं।

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