आलू बुखारा सेहत को दुरुस्त रखने के साथ-साथ कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को भी दूर करता है। इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें फाइबर बहुत होता है इसलिए इसे खाने से आंत से लेकर पेट और वेट सब सही रहता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी ये बहुत काम आता है। जिन लोगों को कब्ज की दिक्कत होती हो उन्हें रोज आलू बुखारा खाना चाहिए। हालांकि इसका ज्यादा सेवन नुकसानदायक होता है और डायरिया की शिकायत हो सकती है। है। इतना ही नहीं आलू बुखारा कोलन कैंसर और बवासीर के खतरे को कम करता है और बड़ी आंत में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में भी मददगार होता है।
आलू बुखारा खाना के ये हैं अद्भुद फायदे
कब्ज की समस्या होगी दूर
आलू बुखारा में फाइबर बहुत होता है और ये फाइबर पानी में घुलनशील नहीं होता इससे ये आंत में स्टूल के साथ मिल जाता है और आंतों को तेजी से काम करना पड़ता है। इससे पेट अच्छे से साफ होता है। आलू बुखारा में सोरबिटोल पाया जाता है और ये पेट को साफ रखने में एलोपैथी दवा से बेहतर काम करता है। इसके लिए रोज कम से कम 50 ग्राम आलू बुखारा तीन हफ्ते तक खाएं।
कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंद
आलू बुखारा या इसके जूस यदि रोज पिया जाए तो इससे कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल होता है। इसके लिए सुबह एक ग्लास आलू बुखारे का जूस पीएं। इससे बेड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) में भी कम होता है। जिन लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल है उन्हें आठ हफ्तों तक रोज 12 आलू बुखारा खाना चाहिए। आलू बुखारा में अधिक मात्रा में फाइबर, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं।
प्रेग्नेंसी में आलू बुखारा के फायदे
प्रेग्नेंसी में आलू बुखारा खाना बहुत फायदेमंद होता है। प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या हो जाती है, इसलिए आलू बुखारा जरूर खाएं। साथ ही जिन महिलाओं को गुर्दे की बीमारी हो उन्हें भी आलू बुखारा खाना चाहिए। साथ ही इसमें आयरन भी भरपूर होता है।
ब्लड प्रेशर होता है कम
आलू बुखारा ब्लड प्रेशर को नियमित करता है।पोटैशियम, विटामिन सी, विटामिन के, विटामिन ए से भरा आलू बुखारा एंटीऑक्सीडेंट्स से भरा होता है और कई बीमारियों को दूर करता है। प्रेग्नेंसी में बढ़ने वाले ब्लड प्रेशर को भी ये कम करता है।
वेट और शुगर कम करने में कारगर
आलू बुखारा में कैलोरी काफी कम होती और फाइबर ज्यादा। इसलिए इसे खाने से पेट लंबे तक भरा महसूस होता है। इसमें मौजूद फाइबर ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है। ये धीमे से पचता है इससे खाना खाने के बाद बॉडी में ग्लूकोज के सोखने की गति धीमी हो जाती है। यह इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ा देता है। इससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी कम होता है।
हार्ट की बीमारी में फायदेमंद
आलू बुखारा में फैट की मात्रा काफी कम होती है। इसमें सैचुरेटेड फैट शून्य होता है। इससे हार्ट से जुड़े जोखिम भी कम होते हैं।
अधिक मात्रा में आलू बुखारा का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे डायरिया हो सकता है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।