Yoga During Pregnancy: गर्भावस्था में दो योगासन हैं बेहद फायदेमंद, भूलकर भी न करें ये गलतियां

Yoga During Pregnancy: गर्भावस्था में योग को करते हुए कुछ सावधानियां रखनी जरूरी होती है। इसके लिए मुड़ते समय, पेट और रीढ़ को स्ट्रेच करते हुए और आगे की तरफ झुकते हुए विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। इसके अलावा बैठने और खड़े रहने के लिए किसी चीज का सपोर्ट लें।

Yoga During Pregnancy
yoga and exercise during pregnancy 
मुख्य बातें
  • गर्भावस्था में योग करते वक्त सपोर्ट लें
  • किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें योगा
  • गर्भवती महिलाएं कर सकती हैं वृक्षासन

Yoga During Pregnancy: अक्सर महिलाओं के मन में ये सवाल आता है कि गर्भावस्था के दौरान योग या व्यायाम करना चाहिए या नहीं। उनका ये सोचना वाजिब भी है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान शरीर पहले जैया नहीं होता और आप पहले की तरह स्ट्रेचिंग या नॉर्मल एक्सरसाइज नहीं कर सकते। हालांकि, कुछ देखभाल की जाए, तो आप योग या व्यायाम कर सकती हैं। आज इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे टिप्स और योगासनों के बारे में, जिन्हें आप गर्भावस्था में भी कर सकती हैं। 

गर्भावस्था में ये योगासन हैं फायदेमंद

वृक्षासन

ये योगासन पीठ, कोर और पैरों को मजबूत बनाता है। इसके साथ ही ये संतुलन बनाने में भी कारगर होता है। हालांकि, गर्भावस्था में अगर आप ये आसन कर रही हैं, तो इसके लिए सपोर्ट की खास जरूरत होगी। इसके लिए आप किसी दीवार, मेज या कुर्सी का सहारा ले सकते हैं। 

  • इस योग को करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
  • फिर दाएं घुटने को मोड़कर बाईं जांघ पर रखें। 
  • बाएं पैर को मजबूती से जमीन पर जमाए रखें। 
  • सांसों की गति को सामान्य करें। 
  • फिर धीरे से सांस लेकर दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर हथेलियों को जोड़ लें। 
  • और फिर संतुलन बनाकर सीधे खड़े रहें।
  • फिर सांस को बाहर छोड़कर शरीर को ढीला छोड़ दें। 
  • फिर हाथों को नीचे लेकर आएं और फिर दूसरे पैर से इसी मुद्रा को दोहराएं। 

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 मालासन 

कूल्हों और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए ये आसन किया जाता है। ये पाचन तंत्र को सुधारने के साथ-साथ रीढ़ को भी स्ट्रेच करता है। इस आसन को करते वक्त ये याद रखें कि अगर आपको प्रोलैप्स होने का खतरा है, तो इस आसन को करने से बचें। 

  • सहारे के लिए कुशन पर बैठें।  एड़ी के नीचे एक तह किया हुआ कंबल या चटाई रखें। 
  • बैलेंस बनाने के लिए दीवार या कुर्सी के पास करें।  फिर योगा मैट पर ताड़ासन में खड़े हो जाएं। 
  • अब रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेच करते हुए पेट को अंदर की ओर खींचे। 
  •  फिर कंधो को ऊपर की तरफ खींचते हुए गहरी सांस लेकर बाहर छोड़ें। 
  • इसके बाद दोनों हाथों को नमस्कार की मुद्रा में जोड़ें, फिर सीने को फुलाकर सख्त बनाएं। 
  • अब सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए घुटनों के बल नीचे बैठ जाएं। 
  • जांघों को धीरे-धीरे खोलें। सांस छोड़ते हुए आगे झुकें।
  • दोनों कोहनी को थाई पर टिकाएं।  अब धड़ आराम से बाहर निकाल सकेगा। 
  • बाहों को फैलाकर ऐसे घुमाएं कि पिंडली बगल में फिट हो जाए। 
  • अब अपन हाथों से एड़ियों को पकड़ें। कुछ समय के लिए इसी पोज में रहें। 
  • फिर सांस को अंदर लेते हुए इस आसन को खत्म करें। 

ये सावधानियां हैं जरूरी

गर्भावस्था में योग को करते हुए कुछ सावधानियां रखनी जरूरी होती है। इसके लिए मुड़ते समय, पेट और रीढ़ को स्ट्रेच करते हुए और आगे की तरफ झुकते हुए विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। इसके अलावा बैठने और खड़े रहने के लिए किसी चीज का सपोर्ट लें। 
 

( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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