बच्चों के आहार और जीवनशैली पर उचित ध्यान देकर ही उन्हें हम हर तरह से एक्टिव बना सकते हैं। जिससे वह सेहत की परेशानी हो या कोई प्रतियोगिता, आसानी से पार कर लेंगे। सही खानपान और जीवनशैली भविष्य की कई समस्याओं को अपने आप दूर कर सकता है। बच्चे ज्यादातर खाने-पीने को लेकर बहुत चूजी होते हैं और पोषण से भरी चीजें इन्हें खिलाना आसान नहीं होता। लेकिन खाने-पीने की चीजों के प्रेजेंटेशन और स्वाद में बदलाव कर उन्हें आसानी से पोषकता से भरी चीजें खिलाई जा सकती हैं। जिस तरह से सुबह के नाश्ते का महत्व बहुत होता है, ठीक उसी तरह रात के खाने में भी बच्चों को ऐसी चीजें देनी चाहिए जो सुपाच्य हों और उन्हें अगले दिन के लिए एनर्जी से भरा रखें।
हफ्ते में छह दिन दें पोषण से भरा खाना
सेलिब्रिटी न्यूट्रीशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने इंस्टाग्राम पर बच्चों के लिए विशेषकर 12 सप्ताह का फिटनेस प्रोजेक्ट पेश किया है। साथ ही ये भी बताया है कि डिनर में क्या चीजें बच्चों को नहीं देनी चाहिए। न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता ने अपने पोस्ट में बताया है कि हर पेरेंट्स को अपने बच्चे को हफ्ते में कम से कम छह दिन पौष्टिक खाना ही खिलाना चाहिए। इसमें दाल और चावल, खिचड़ी, रोटी और सब्जी आदि चीजें जरूर होनी चाहिए। उनका कहना है कि पारंपरिक व्यंजन ही खिलाना चाहिए और रात के खाने में बहुत अधिक विविधता नहीं रखनी चाहिए। ताकि ये हल्के और सुपाच्य रहें। पारपंरिक भोजन खाने की आदत उन्हें हमेशा हेल्दी बनाएंगी क्योंकि पारंपरिक भोजन हेल्दी होते हैं, चाहे वह किसी भी राज्य के हों।
रात में पारंपरिक भोजन ही दें
उनका कहना है कि कभी बच्चे से न पूछें कि वह क्या खाएंगे, बल्कि उन्हें ये बताएं कि आज वो क्या खाने वाले हैं। रात के खाने में चपाती, सब्जियां, दाल-चावल या खिचड़ी को शामिल करें और इसे रात आठ बजे से पहले ही खिलाएं। याद रखें इसमें देसी घी का प्रयोग जरूर करें।
तो इन सारी बातों का ध्यान रख कर आप अपने बच्चे को सेहतमंद और दिमागी रूप से सक्रिय बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।