Covid-19 symptoms: अध्ययन के मुताबिक गुलाबी आंखें हो सकती हैं कोविड-19 का प्राथमिक लक्षण

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भाषा
Updated Jun 19, 2020 | 18:11 IST

कोविड-19 से लड़ाई के लिए संक्रमण के लक्षणों की पहचान बहुत जरूरी है। वैसे तो अधिकतर मरीजों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं लेकिन लक्षणों पर भी कई तरह के अध्ययन हो चुके हैं, और ये भी उनमें से एक है।

Red eyes Pink eyes can be initial symptoms of Covid 19
अध्ययन के मुताबिक गुलाबी आंखें हो सकती हैं कोविड-19 का प्राथमिक लक्षण  |  तस्वीर साभार: IANS
मुख्य बातें
  • कोविड-19 के लक्षणों पर अध्ययन
  • गुलाबी आंखें हो सकती हैं कोरोना के प्राथमिक लक्षण
  • कोविड-19 से लड़ने के लिए लक्षण की जल्द पहचान जरूरी

टोरंटोः खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जहां कोविड-19 के आम लक्षण हैं, वहीं एक नए अध्ययन में पता चला है कि आंखों का गुलाबी दिखना भी इस महामारी का प्राथमिक लक्षण हो सकता है। ‘कैनैडियन जर्नल ऑफ ऑप्थलमोलॉजी’ में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार कंजक्टिवाइटिस (कंजक्टिवा में सूजन और आंखों का गुलाबी होना) तथा केरटोकंक्टिवाइटिस (कॉर्निया तथा कंजक्टिवा में सूजन और आंखों का लाल होना, पानी आना) भी कोविड-19 के प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं।

एक महिला में दिखे थे लक्षण

अनुसंधानकर्ताओं ने उल्लेख किया कि अल्बर्टा स्थित रॉयल एलेक्जेंड्रा अस्पताल नेत्र रोग संस्थान में 29 वर्षीय एक महिला गंभीर कंजक्टिवाइटिस और सांस में लेने में थोड़ी तकलीफ की शिकायत के साथ पहुंची। कई दिन के उपचार के बाद उसकी हालत में थोड़ा सा ही सुधार हुआ। उन्होंने कहा कि इस दौरान पता चला कि महिला हाल में एशिया से लौटी थी। इसपर एक रेजिडेंट डॉक्टर ने उसकी कोरोना वायरस संक्रमण जांच कराई जिसमें वह इस विषाणु से संक्रमित पाई गई। 

'ना कोई बुखार था, ना खांसी'

कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के सहायक प्रोफेसर कोर्लोस सोलार्टे ने कहा, ‘‘इस मामले में रोचक बात यह थी कि इसमें मुख्य बीमारी सांस लेने में तकलीफ की नहीं, बल्कि आंख की बीमारी थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘महिला को कोई बुखार नहीं था, कोई खांसी नहीं थी, इसलिए शुरू में हमें उसके कोविड-19 से पीड़ित होने का कोई संदेह नहीं हुआ।’’

आंखों की जांच और जटिल बनी

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन से जनता के लिए महत्वपूर्ण नयी स्वास्थ्य सूचना प्राप्त हुई है, साथ ही इसने नेत्र रोग विशेषज्ञों के लिए आंखों की जांच को और जटिल बना दिया है। सोलार्टे ने कहा, ‘‘इस मामले में रोगी अंतत: ठीक हो गई। लेकिन उसके संपर्क में रहे कई रेजिडेंट डॉक्टरों और कर्मियों को पृथक-वास में रहना पड़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सौभाग्य से इनमें से कोई भी कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं मिला।’’

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