भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी फेफड़ों में संक्रमण के कारण सेप्टिक शॉक में हैं। इसकी वजह से उनकी स्वास्थ्य स्थिति और खराब हो गई है। बता दें कि सेप्टिक शॉक एक गंभीर स्थिति है और यह तब होता है जब किसी व्यक्ति का रक्तचाप किसी संक्रमण के बाद खतरनाक स्तर तक गिर जाता है। किसी प्रकार के बैक्टीरियल, फंगल और वायरल(दुर्लभ मामले) में सेप्सिस का कारण बन सकते हैं, जिसका इलाज नहीं किया गया तो सेप्टिक शॉक को बढ़ा सकता है। वहीं आर्मी रिसर्च और रेफरल अस्पताल ने सोमवार को जारी बुलेटिन में बताया कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की स्थिति नाजुक बनी हुई है और वह अभी वेंटिलेटर पर हैं। आइए जानते हैं सेप्टिक शॉक के लक्षण और इलाज के बारे में सबकुछ।
सेप्टिक शॉक का रिस्क सबसे ज्यादा किसे हैं
सेप्टिक शॉक बड़े-बुजुर्ग और एक से कम उम्र के बच्चों में सबसे आम स्थिति है। हालांकि इसके विभिन्न कारक जैसे गर्भवती होना, कुछ बीमारियां जैसे मधुमेह,किडनी या फेफड़े की बीमारी, कैंसर और कमजोर इम्यूननिटी आदि। इसकी वजह से सेप्टिक शॉक होने का खतरा अधिक रहता है।
सेप्टिक शॉक के लक्षण- एनएचएस की जानकारी के अनुसार, सेप्टिक शॉक के लक्षण इसप्रकार हैं:
सेप्टिक शॉक एक मेडिकल इमरजेंसी है और अगर आपको लगता है कि आपको या आपके परिवार के किसी व्यक्ति को सेप्टिक शॉक है तो आपको तुरंत डॉक्टरी मदद लेनी चाहिए।
सेप्टिक शॉक का इलाज
आमतौर पर, मरीजों का अधिक देखभाल के लिए आईसीयू में भर्ती कराया जाता है, ताकी उनके शरीर के अंगों और तंत्रों को सहारा दिया जा सके। कुछ मामलों में इमरजेंसी डिपार्टमेंट विभाग में उपचार शुरू हो सकता है, इसके अलावा यहां बताए गए तरीकों के जरिए इसका इलाज किया जा सकता है।
सेप्टिक शॉक के लिए कॉम्प्लिकेशन और आउटलुक
सेप्टिक शॉक से कई मुश्किलें हो सकती हैं जो घातक हो सकती हैं जैसे कि...
सेप्टिक शॉक जीवन के लिए एक खतरनाक स्थिति है, जिसका तत्काल इलाज किया जाना चाहिए। एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक 50 प्रतिशत से अधिक मामलों में मृत्यु हुई है। हालांकि किसी व्यक्ति के जीवित रहने की संभावना कुछ कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि इलाज कैसे शुरू किया जाता है, संक्रमण का कारण और प्रभावित होने वाले अंगों की संख्या आदि।