Sleep and obesity: नींद का मोटापे से क्या है संबंध? इन छोटी बातों का ध्यान रखना है बेहद जरूरी

weight loss and sleeplessness: नींद का संबंध मोटापे से भी होता है। कई लोग नींद को दरकिनार कर देते है लेकिन यह बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।

 Relation of sleep and fat
नींद और वेट लॉस शरीर में दो हार्मोन के संतुलन से जुड़े हुए हैं।  |  तस्वीर साभार: Thinkstock
मुख्य बातें
  • नींद और वजन का संबंध मोटापे से जुड़ा हुआ है
  • रात के खाने और सोने में तीन से चार घंटे का अंतर जरूरी
  • रात में पर्याप्त नींद लेने से आपकी आयु बढ़ सकती है

नई दिल्ली: नींद को बहुत लेकर ज्यादा महत्व नहीं देते है। जबकि यह आपके शरीर के बेहतर स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाता है। बल्कि अगर आप नींद के फंडे को सही तरीके से पालन करते है तो यह मोटापा कम करने में भी सहायक सिद्ध होता है। जानकारों का मानना है कि नींद और वजन का संबंध मोटापे से जुड़ा हुआ है। नींद वह समय होता है जब आपका शरीर अगले दिन के लिए कार्यों को पूरा करने के लिए दोबारा एनर्जी को शरीर में जमा करता है और शरीर को संतुलित करता है। यह प्रक्रिया शरीर में सुचारू रूप से चलती रहती है।

शरीर को रात में आराम की जरूरत होती है

शरीर दिनभर काम के बाद थक जाता है। उसे आराम की जरूरत होती है। रात में हर दिन अच्छी नींद लेना न सिर्फ आपकी सेहत के लिए अच्छा होता है बल्कि यह मोटापा कम करने में भी सहायक होता है। हाल ही के वर्षों में नींद के सेहत पर कई प्रभावों पर अध्ययन हुए हैं। सभी सर्वे इस बात की तस्दीक करते हैं कि संतुलित नींद आपको सेहतमंद बनाती है। आपका वजन बढ़ने नहीं देती और शरीर में अनावश्यक चर्बी का क्षय होता है।

रात के खाने और सोने में तीन से चार घंटे का अंतर जरूरी

नींद का एक रिश्ता आपके रात के खाने यानि डिनर से जुड़ा है। रात का खाना जानकारों के मुताबिक सोने से तीन से चार घंटे पहले खाना चाहिए। इसलिए रात के खाने को देर नही करना चाहिए। सोने से हर हाल में तीन से चार घंटे पहले खाना लेना चाहिए जो खाने के पाचन में सहायक होता है। आप जितनी देर से खाएंगे आपका खाना नहीं पचेगा। इसका परिणाम आपको फैट के साथ कई बीमारियों के रूप में झेलना पड़ सकता है। 

रात में पर्याप्त नींद लेने से आपकी आयु बढ़ सकती है

जानकारों के मुताबिक रात में पर्याप्त नींद लेने से आपकी आयु बढ़ सकती है तो दूसरी तरफ अधूरी नींद से तनाव, हाई बीपी जैसी बीमारियां हो सकती हैं। नींद और वजन बढ़ने का आंतरिक रूप से आपके शरीर के हारमोन्स से संबंध है। रात में सोते वक्त आपका शरीर हारमोन्स को संतुलित करता है। इसका मतलब यह हुआ कि इस दौरान शरीर में कोर्टिसोल (तनाव बढ़ाने वाला हारमोन) की मात्रा कम होती है। इससे आपका शरीर  दूसरे हारमोन्स को पैदा करता है।

नींद और वेट लॉस का हार्मोंस से क्या है संबंध

नींद और वेट लॉस शरीर में दो हार्मोन के संतुलन से जुड़े हुए हैं। इसमें पहला हार्मोन ग्रेलिन है जो भूख के हारमोन के नाम से जाना जाता है। इससे आपको भूख लगने का एहसास होता है। रात में सोते समय शरीर इस हारमोन के स्तर को कम कर देता है जिससे आपको भूख लगने का एहसास नहीं होता है। दूसरा हारमोन लेप्टिन है जो एक एप्टाइट हारमोन है। यह नींद को बढ़ाता है। शरीर में इसकी मात्रा बढ़ने आपको पेट भरे होने का अहसास होता है।

इस पूरी प्रक्रिया से आपका मोटापा कम होता है और शरीर में अनावश्यक वजन नहीं बढ़ता है। आप पर्याप्त नींद नहीं लेने से आपको सारा दिन भूख का अहसास होगा और आपकी भूख  बढ़ेगी। इससे आप जरूरत से ज्यादा खाएंगे और आपका वजन बढ़ेने लगेगा। साथ ही अधूरी नींद लेने से आपकी मेटाबॉलिक  रफ्तार धीमी हो जाएगी जिससे शरीर की कैलोरी को ऊर्जा में बदलने की क्षमता भी कम होगी। इसके नुकसान यह होगा कि आपके शरीर में अधिक फैट का बनना शुरू हो जाएगा। इसलिए वेट लूज मिशन की कोई भी चीज शुरू करने से पहले यह जरूरी सुनिश्चित करें कि नींद जरूर पूरी हो। पूरी नींद के लिए 7 से आठ घंटे जरूरी होना चाहिए इसकी अनदेखी नहीं करें।

(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
 

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