बारिश के मौसम में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, हैजा, टाइफाइड, पेट में संक्रमण इत्यादि जैसी कई बीमारियों का खतरा बना रहता है। यह मौसम कई लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण समय होता है खासकर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग। लेकिन अगर आप कुछ समय योग को दें तो इन बीमारियों से राहत पा सकते हैं। बता दें कि योग में वह शक्ति है जो गंभीर बीमारियों से आपको छुटकारा दिला सकती हैं। कई ऐसे आसन और योगिक तकनीक हैं जो मानसून के लिए डिजाइन किया गया हैं। इसमें से एक है हिमालयी प्रवाह का जल नमस्कार। जिसे रोजाना करने से ना सिर्फ आपकी इम्यूनिटी बढ़ेगी बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलेंगे।
जल नमस्कार 28 काउंट के साथ डिजाइन किया गया विन्यास है जिसमें पानी के तत्त्व (तत्व) के अनुरूप आसन होते हैं। यह एक शक्तिशाली तकनीक है जो आपके शरीर के भीतर जल तत्व को पहचानने और अनुभव करने में आपकी मदद करेगी। इस विन्यास के भीतर कुछ पोज जिनकी गुणवत्ता पानी से संबंधित है वे हैं पद्मासन, अर्ध मत्स्येन्द्र आसन, हलासन, सुप्ता वज्रासन और मत्स्य आसन। जल नमस्कार के प्रवाह - आधे चक्र में 14 चरण होते हैं। एक पूर्ण चक्र करने के लिए, इसे कुल 28 गणना करने के लिए दोहराया जाना चाहिए।
आसन 1: पद्मासन-लोटस पोज
आसन 2: दण्डासन-स्टाफ पोज
आसन 3: नौकासन- बोट पोज
आसन 4: दण्डासन- स्टाफ पोज
आसन 5: पद्मासन- लोटस पोज
आसन 6: दण्डासन-स्टाफ पोज
आसन 7: हलासन- हल पोज में
आसन 8: अधोमुखा स्वानासन- डाउनवर्ड-फेसिंग डॉग पोज़
आसन 9: सुप्त वज्रासन-री थंडरबोल्ट पोज
आसन 10: मत्स्य आसन- फिश पोज
आसन 11: अर्ध मत्स्येन्द्रासन- अर्ध मत्स्येंद्र को समर्पित किया गया आधा पोज(दाएं)
आसन 12: अर्ध मत्स्येन्द्रासन-अर्ध मत्स्येंद्र को समर्पित किया गया आधा पोज (बाएं)
आसन 13: पद्म सिरसाना-लोटस हेडस्टैंड पोज
आसन 14: पिण्डासन-गर्भ में भ्रूण पोज
मत्स्य आसन- फिश(मछली) पोज
ऐसे करें ये आसन
पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका
हलासन करने का तरीका