15 अगस्त पर नौवीं बार PM मोदी ने लाल किला पर फहराया तिरंगाः ऐसा रहा लुक-अंदाज़, विभाजन विभीषिका को भी भारी मन से किया याद

देश
अभिषेक गुप्ता
अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Aug 15, 2022 | 08:22 IST

76th Independence Day: पीएम ने लाल किला की प्राचीर से कहा- देश मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आज़ाद, असफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल सरीखे ऐसे अनगिनत हमारे क्रांति वीरों का कृतज्ञ है, जिन्होंने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी।

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15 August 2022: लाल किला परिसर में तिरंगा को सलामी देते हुए पीएम मोदी।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • लाल किला पहुंचने पर नरेंद्र मोदी ने अंतर सेवा और पुलिस सलामी गारद का निरीक्षण किया
  • PM ने जैसे ही तिरंगा फहराया, वैसे ही दो MI-17 1V हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई
  • 'आजादी का 76वां स्वतंत्रता दिवस एक पुण्य पड़ाव, नयी राह, नया संकल्प और नया सामर्थ्य'

Narendra Modi on Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas: स्वतंत्रता दिवस पर सोमवार (15 अगस्त, 2022) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किला की प्राचीर से लगातार नौवें साल तिरंगा फहराया। आजादी के अमृत महोत्सव के बीच पीएम का लुक और अंदाज भी अलग नजर आया। उन्होंने इस खास मौके पर तिरंगे के रंगों से जुड़ी थीम वाली पगड़ी, सफेद रंग के लिबास (संभवतः कुर्ता) के ऊपर नीली कोटी पहनी थी। झंडारोहण के बाद उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। आगे अपने भाषण के दौरान पीएम ने विभाजन विभीषिका को भी भारी मन से याद किया। 

विभाजन के दर्द को भारी मन से किया याद
दरअसल, एक रोज पहले यानी 14 अगस्त (पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस) को भारत में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस था। उन्होंने अपने संबोधन के बीच बड़े भारी मन से विभाजन का जिक्र किया। वह बोले- तिरंगे की शान के लिए लोगों ने बहुत कुछ सहन किया था। देश के लिए उनका कर्तव्य नमन करने योग्य और प्रेरणा पाने योग्य है। बीते 75 साल में देश के लिए जीने मरने वाले, देश की सुरक्षा करने वाले, देश के संकल्पों को पूरा करने वाले...चाहे सेना के जवान हों, पुलिसकर्मी हों, ब्यूरोक्रेट्स हों, जनप्रतिनिधि हों, स्थानीय स्वराज, राज्यों के प्रशासक और केंद्र के प्रशासक रहे हों...75 साल में इन सबके योगदान को स्मरण करने का मौका है। देश के कोटि-कोटि नागरिकों को भी याद करने का समय है। जिन्होंने मुसीबत झेलते हुए देश को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।

मदर ऑफ डेमोक्रेसी है भारत- PM
बकौल पीएम, "भारत लोकतंत्र की जननी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जिनके ज़हन में लोकतंत्र होता है वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं वो सामर्थ्य दुनिया की बड़ी बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है, ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी। हमारे भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास ये अनमोल सामर्थ्य है। 75 साल की यात्रा में आशाएं, अपेक्षाएं, उतार-चढ़ाव सब के बीच हर एक के प्रयास से हम यहां तक पहुंच पाए। आज़ादी के बाद जन्मा मैं पहला व्यक्ति था जिसे लाल किले से देशवासियों का गौरव गान करने का अवसर मिला।" 

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