पटना : प्रवासी मजदूरों के लिए और श्रमिक ट्रेन चलाए जाने की घोषणा के बाद बिहार सरकार का कहना है कि वह 20 लाख से ज्यादा राज्य के लोगों को वापस लाएगी। बिहार सरकार का कहना है कि अगले कुछ दिनों में प्रवासी मजदूरों को लेकर करीब 800 ट्रेनें बिहार पहुंचेंगी। राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने का कहना है कि अब राज्य के लिए प्रतिदिन 100 स्पेशल ट्रेनें चलेंगी।
रोजाना 100 स्पेशल ट्रेनें चलेंगी
उप मुख्यमंत्री ने अपने एक ट्वीट में मंगलवार को कहा, 'दूसरों राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए अब रोजना 100 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसके लिए बिहार और केंद्र सरकार के बीच एक सहमति बनी है। इस सहमित के तहत 20 लाख प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए कुल 800 ट्रेनें चलाई जाएंगी।'
आठ लाख से ज्यादा प्रवासी बिहार पहुंचे
बता दें कि पिछले कुछ दिनों में करीब आठ लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर बिहार पहुंचे हैं। चूंकि राज्य में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर पहुंचने लगे हैं ऐसे में राज्य सरकार को इनके लिए क्वरंटाइन सेंटर एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में परेशानी हो रही है। राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में टेस्टिंग के लिए सुविधाएं नहीं हैं।
एक जून से चलेंगी 200 नॉन एसी ट्रेनें
श्रमिक ट्रेन चलाए जाने को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ी घोषणा की है। सरकार का कहना है कि इन विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए अब राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सहमति अनिवार्य नहीं होगी। इस बीच रेलवे ने कहा है कि आगामी एक जून से रोजाना 200 नॉन एसी ट्रेनें चलाई जाएंगी। समझा जा रहा है कि इन ट्रेनों के चलने से मुसाफिर को काफी राहत पहुंचेगी। सरकार की योजना सूरत, अहमदाबाद, दिल्ली, हैदराबाद सहित यूपी और बिहार के शहरों के लिए ऑन एसी ट्रेनें चलाने की हो सकती है।
श्रमिक ट्रेनों की संख्या दोगुनी करेगी रेलवे
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने एक ट्वीट में कहा है, 'अगले दो दिनों में रेलेव श्रमिक ट्रेनों की संख्या दोगुनी करेगी और अब रोजाना 400 ट्रेनें चलाई जाएंगी। सभी प्रवासी मजदूर जहां पर हैं, वहीं रुके रहें। भारतीय रेल अगले कुछ दिनों में सभी को उनके 'घर पहुंचाएगी।
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