'राहुल गांधी डॉक्टर नहीं, हम उन्हें समझाने को तैयार'; AgVa ने घटिया वेंटिलेटर के आरोपों को नकारा

AgVa कंपनी के मालिक प्रोफेसर दिवाकर वैश्य ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उन आरोपों को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर घटिया वेंटिलेटर लेने की बात की थी।

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AgVa कंपनी के मालिक प्रोफेसर दिवाकर वैश्य  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • PM-CARES फंड में आने वाले AgVa हेल्थकेयर वेंटिलेटर के को-फाउंडर ने राहुल गांधी को आरोपों को नकारा
  • राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी सरकार क्यों घटिया सामानों को खरीद रही है
  • हमारा वेंटिलेटर 5 से 10 गुना सस्ता है, सामान्य वेंटिलेटर 10-20 लाख के बीच आता है: दिवाकर वैश्य

नई दिल्ली: हाल ही में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि केंद्र कोविड-19 महामारी के बीच एक निजी फर्म से 'घटिया' वेंटिलेटर खरीद रहा है। इस पर AgVa कंपनी के मालिक प्रोफेसर दिवाकर वैश्य ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय विक्रेता निर्माता नहीं चाहते हैं कि भारतीय वेंटिलेटर को बढ़ावा दिया जाए और इसलिए वे स्वदेशी प्रयासों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में वैश्य ने कहा, 'हमने रातों रात वेंटिलेटर नहीं बनाया है। हम तीन साल से बाजार में हैं। हमने कदम दर कदम इसका विकास किया है। इस वेंटिलेटर में वो सभी पैरामीटर हैं जो एक सामान्य वेंटिलेटर में होते हैं। हमारे वेंटिलेटर सामान्य वेंटिलेटर की तुलना में पांच से दस गुना सस्ते हैं। एक सामान्य वेंटिलेटर की कीमत 10-20 लाख रुपए है। हमारा वेंटिलेटर सिर्फ 1.5 लाख रुपए का है। इसमें अंतरराष्ट्रीय विक्रेता सांठगांठ बहुत मजबूत है। ठीक उसी तरह जब भारतीय सैन्य उपकरणों का स्वदेशीकरण किया गया था, बहुत सारी नकारात्मक समीक्षाएं थीं। यहां भी वही हो रहा है। 10 लाख रुपए का वेंटिलेटर जो करता है, वही हमारा डेढ़ लाख रुपए का कर रहा है। क्या अंतरराष्ट्रीय संघ, अंतरराष्ट्रीय विक्रेता इसे स्वीकार करेंगे? इसलिए वे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।'

राहुल गांधी ने 5 जुलाई को एक ट्वीट में नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि पीएम केयर्स कोष में 'अपारदर्शिता' से भारतीयों का जीवन खतरे में पड़ रहा है। राहुल ने ट्वीट किया, 'पीएम केयर्स में अपारदर्शिता से भारतीयों का जीवन खतरे में पड़ता जा रहा है और सार्वजनिक धन का इस्तेमाल घटिया सामग्री खरीदने में हो रहा है।' उन्होंने एक खबर को भी टैग किया जिसके अनुसार एक निजी कंपनी घटिया गुणवत्ता वाले वेंटिलेटर मुहैया करा रही है। ये वेंटिलेटर पीएम केयर्स कोष से खरीदे गए हैं। 

इस पर वैश्य ने कहा, 'राहुल गांधी डॉक्टर नहीं हैं। वह एक बुद्धिमान व्यक्ति है। उन्हें इस तरह के आरोप लगाने से पहले उचित परिश्रम करना चाहिए था। उन्हें डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए थी। मैं किसी भी रोगी पर अस्पताल में एक विस्तृत उदाहरण देने के लिए तैयार हूं।'

स्वदेशी वेंटिलेटर की कार्यक्षमता पर संदेह किया गया था। वैश्य ने बताया कि डॉक्टरों को समझाने की जरूरत है और इसके बाद वेंटिलेटर किस तरह काम करेगा ये बताने की जरूरत है, जिससे इसका सही इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर थर्ड पार्टी इंस्टॉलेशन दोषपूर्ण थे और AgVa को लूप में रखे बिना ये किया गया था, तो इसका परिणाम दोषपूर्ण हो सकता है।

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