Riyaz Naikoo: सारी गणित की गणित धरी रह गई, हिफाजत के लिए बनाई सुरंग ही रियाज नाइकू की बनी कब्रगाह

देश
ललित राय
Updated May 06, 2020 | 18:08 IST

Riyaz Naikoo encounter at Pulwama: सुरक्षाबलों ने आतंकी रियाज नाइकू का मुठभेड़ में मार गिराया है। उसका मारा जाना कई मायनों में अहम है।

सारी गणित की गणित धरी रह गई, हिफाजत के लिए बनाई सुरंग ही रियाज नाइकू की बनी कब्रगाह
रियाज नाइकू, आतंकी 
मुख्य बातें
  • पुलवामा के बेगपोरा में मुठभेड़ में आतंकी रियाज नाइकू मारा गया
  • बुरहान वानी के मारे जाने के बाद संभाली थी कमान
  • आतंक की दुनिया में कदम रखने से पहले गणित का टीचर था रियाज नाइकू

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में 8 जुलाई 2016 और 6 मई 2020 इन दोनों दिनों को खास दिन के तौर पर याद किया जाएगा। 2016 में हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी को मारने में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली थी। बुरहान को पोस्टर ब्वॉय के तौर पर भी देखा जाता था। करीब चार साल बाद पुलवामा के बेगपोरा में सुरक्षा बलों को एक और कामयाबी मिली जिसमें आतंकी रियाज नाइकू की पूरी गणित धरी की धरी रह गई। उसके बारे में कहा जाता है कि बुरहान के मारे जाने के बाद एक नई प्रथा की शुरुआत की थी। 

शातिर था रियाज नाइकू
रियाज नाइकू आतंक की दुनिया में कदम रखने के बाद सलामी की प्रथा शुरू की। इसके तहत जब कोई आतंकी मुठभेड़ में मारा जाता था तो उसके सम्मान में वो सलामी देता था। इसके साथ ही अगर किसी पुलिस अधिकारी के परिवार का अपहरण होता था तो वो खास तरीके से अपहरण करने वाले दस्ते का सम्मान करता था। बुरहान के मारे जाने के बाद उसने हिज्बुल की कमान संभाली थी और बहुत ही पेशेवर, खतरनाक अंदाज में सुरक्षाबलों के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम देता था। 
खास बातें

  • रियाज नाइकू ए++ श्रेणी का आतंकी था। बुरहान वानी के बाद संभाली थी कमान
  • सेना की तरफ से 12 लाख रुपए का था ईनाम
  • पुलवामा के बेगपोरा में मुठभेड़ में हुआ सफाया
  • आतंकियों के मरने या पुलिस अधिकारियों के परिवार के अपहरण पर सलामी का प्रचलन शुरू किया था।
  • रियाज नाइकू गणित का टीचर था। 
  • वो किसी पर भरोसा नहीं करता था। अपने घर आने जाने के लिए सुरंगों का इस्तेमाल करता था। 
  • अपने घर तक आने जाने के लिए सुरंग का प्रयोग करता था। लेकिन वही सुरंगें उसके लिए कब्रगाह बन गई।

इस तरह मारा गया नाइकू
सेना की तरफ से उसके ठिकाने की घेरेबंदी मंगलवार को ही कर दी गई थी। लेकिन किसी तरह की गोलीबारी नहीं की गई। मंगलवार की रात में जब जानकारी मिली कि वो सुरंगों का प्रयोग किया करता था तो जेसीबी मशीनों के जरिए खेतों की खुदाई शुरू हुई। रियाज नाइकू को जब यकीन हो गया कि अब वो फंस चुका है तो उसने गोलीबारी शुरू की लेकिन नियति ने उसकी मंजिल तय कर रखी थी। सबसे खास बात यह है कि बुधवार को सुबह ही गोलीबारी शुरू हो गई थी। लेकिन सेना की तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोड़ा गया। कई तरह से तसल्ली के बाद ऐलान किया गया कि मारा गया आतंकी और कोई नहीं बल्कि रियाज नाइकू ही है। 

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