ऐसे सुरक्षाबलों के हत्थे चढ़ गया रियाज नाइकू, रमजान में कुछ बड़ा करने की फिराक में था आतंकी

देश
आलोक राव
Updated May 06, 2020 | 15:46 IST

Hizbul Mujahideen's commander Riyaz Naikoo killed: नाइकू जम्मू-कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन का चेहरा था। उसने सब्जार अहमद भट्ट के मारे जाने के बाद उसकी जगह ली थी।

Riyaz Naikoo killed in encounter in J-K's Beighpora  planning big attack in Ramzan
रमजान में बड़ी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देना चाहता था रियाज।  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • पुलवामा में चार घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद मारा गया हिज्बुल कमांडर रियाज
  • आतंकी की बातचीत के बाद कश्मीर में उसके लोकेशन के बारे में पता चला था
  • सुरक्षाबलों की यह बड़ी कामयाबी, दक्षिण कश्मीर में हिज्बुल का करीब-करीब सफाया

नई दिल्ली : हिज्बुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर रियाज नाइकू को मारकर सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की कमर तोड़ दी है। जाकिर मूसा के मारे जाने के बाद रियाज घाटी में आतंक का एक बड़ा चेहरा बन गया था। मूसा के मारे जाने के बाद रियाज ने घाटी में मारे गए आतंकियों के सम्मान में दक्षिण कश्मीर में गन सैल्यूट की परंपरा शुरू की थी। माना जा रहा है कि रियाज के खात्म के साथ ही जम्मू-कश्मीर में अब हिज्बुल का कोई कमांडर नहीं बचा है। चूंकि हिज्बुल से अलग होकर एक नया गुट द रेजिसटेंस ग्रुप (टीआरएफ) बना है, ऐसे में आतंकी संगठन को नया सरगना मिलने में मुश्किल हो सकती है। इस टीआरएफ ग्रुप को पाकिस्तान ने खड़ा किया है।

हिज्बुल का चेहरा था रियाज
नाइकू जम्मू-कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन का चेहरा था। उसने सब्जार अहमद भट्ट के मारे जाने के बाद उसकी जगह ली थी। भट्ट 2017 में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में त्राल में मारा गया। बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भट्ट कश्मीर में आतंकी गतिविधियों का प्रमुख था। अब रियाज के मारे जाने के बाद दक्षिण कश्मीर में हिज्बुल का करीब-करीब खात्मा हो गया है।  

चार घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद मारा गया
पुलवामा के बेघपोरा में चार घंटे तक चले ऑपरेशन में आतंक का पर्याय बन चुका रियाज मारा गया। यह अहम अभियान सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने चलाया। यही नहीं अवंतीपोरा के शारशाली ख्रिउ इलाके में कम से कम दो और आतंकवादी सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए हैं। यह सूचना मिलने पर कि नाइकू इलाके में छिपा हुआ है। उसके खात्म के लिए सुरक्षाबलों ने अपना अभियान मंगलवार देर रात शुरू किया।

सुरक्षाबलों को एहतियात बरतने को कहा गया
रियाज के खात्म का ऑपरेशन समाप्त होने से पहले जम्मू कश्मीर पुलिस ने सुरक्षा बलों को अपने आवागमन की सभी गतिविधियां तत्काल रोकने के निर्देश दिए। पुलिस ने कहा कि सेना और सीआरपीएफ के वाहनों को दुर्गम इलाकों में जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। साथ ही उनके अंतर जिला एवं जिले में आवागमन पर रोक लगाई जाए।

रियाज के सिर पर 12 लाख रुपए का इनाम
नाइकू के सिर पर 12 लाख रुपए का इनाम घोषित था। सूत्रों की मानें तो जाकिर मूसा का उत्तराधिकारी यह दुर्दांत आतंकवादी जवानों की हत्या एवं सुरक्षाबलों पर हमले की योजनाओं में शामिल था। सुरक्षाबलों ने गत मई में मूसा को ढेर किया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'रियाज ने रमजान के महीने में कश्मीर में बड़ी वारदातों को अंजाम देने की फिराक में था। वह गुट में स्थानीय आतंकवादियों को भर्ती करना चाहता था। सुरक्षाबलों के हाथ एक रिकॉर्डिंग हाथ लगी जिसमें एक आतंकवादी यह कहते हुए सुना गया कि नाइकू खुद कोई बड़ा ऑपरेशन करेगा। इससे इलाके में नाइकू की मौजूदगी के बारे में पहली सूचना मिली।' आतंकवाद का रास्ता पकड़ने से पहले नाइकू अध्यापन का काम करता था।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद नाइकू भारत-विरोधी प्रोपगैंडा चलाने लगा। उसने सोशल मीडिया पर भारत के बारे में गलत बातें फैलाने और घाटी में कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के लिए युवाओं को उकसाया।

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