India China standoff: चीन सीमा पर सड़क निर्माण कार्य तेज, भारत ने हेलीकप्टर से पहुंचाए भारी उपकरण

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Updated Jun 12, 2020 | 06:37 IST

Construction of road near India-China Border: सीमा पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत ने उत्तराखंड सीमा पर सड़क निर्माण कार्य तेज कर दी है। यहां हेलीकॉप्टर से भारी मशीन पहुंचाई गई है।

Amid standoff Helicopters Land Heavy Equipment To Expedite Work Of Road Near India-China Border
उत्तराखंड में चीन सीमा पर भारत ने सड़क निर्माण कार्य तेज किया। 
मुख्य बातें
  • सामरिक रूप से महत्वपूर्ण मुनसियारी-बुगदियार-मिलाम सड़क पर निर्माण कार्य तेज
  • उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में जौहर घाटी के ऊंचे हिमालयी क्षेत्र में बन रही सड़क
  • पिछले साल भारी मशीनों को वहां पहुंचाने में बीआरओ को सफलता नहीं मिल पाई

पिथौरागढ़ : भारत-चीन सीमा के निकट सामरिक रूप से महत्वपूर्ण मुनसियारी-बुगदियार-मिलाम सड़क के निर्माण कार्य को तेज करने के लिए उतराखंड की जौहर घाटी के हिमालयी क्षेत्र में हेलीकॉप्टरों के जरिए, सड़क बनाने वाली भारी मशीनें उतारी गई हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मुख्य अभियंता (चीफ इंजीनियर) बिमल गोस्वामी ने कहा कि 2019 में कई बार असफल प्रयासों के बाद बीआरओ ने हाल ही में हेलीकॉप्टरों के जरिए सड़क बनाने वाले भारी उपकरण लापसा ले जाने में कामयाबी हासिल की है, जिससे सड़क का निर्माण कार्य तेजी से पूरा होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

65 किलोमीटर लंबी है सड़क
उन्होंने कहा कि 65 किलोमीटर लंबी इस सड़क के संरेखण स्थल के निकट लासपा में भारी पत्थर काटने के उपकरण मौजूद नहीं होने के कारण इसके निर्माण में देरी हुई है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में जौहर घाटी के ऊंचे हिमालयी क्षेत्र में बनाई जा रही मुनसियारी-बुगदियार-मिलाम सड़क भारत-चीन सीमा पर अंतिम चौकियों के बीच एक कड़ी होगी।

तीन साल में पूरा होगा निर्माण कार्य
गोस्वामी ने कहा, 'पिछले साल कई नाकाम कोशिशों के बाद हम इस महीने हेलीकॉप्टरों के जरिए भारी मशीनें लापसा में उतारने में सफल रहे। अब हमें उम्मीद है कि इस सड़क की कटाई का चुनौतीपूर्ण काम अगले तीन साल में पूरा हो जाएगा।' बीआरओ के मुख्य अभियंता गोस्वामी ने कहा कि सड़क के 22 किलोमीटर हिस्से पर खड़ीं कठोर चट्टानों की कटाई अब आसान हो जाएगी क्योंकि इन भारी मशीनों को हेलीकप्टरों की मदद से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।

2010 में शुरू हुआ था सड़क पर काम
गोस्वामी ने कहा, 'सड़क का निर्माण कार्य 2010 में शुरू किया गया था। इस परियोजना के लिये 325 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूरी दी गई थी।' उन्होंने कहा कि 22 किलोमीटर के कठोर हिस्से को छोड़कर दोनों छोर से सड़क का निर्माण किया जा रहा है। 40 किलोमीटर तक की सड़क के लिये कटाई का काम पूरा हो चुका है।

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