शहीद रतन लाल के परिवार की मदद के लिए आगे आई केजरीवाल सरकार, 1 करोड़ का मुआवजा और नौकरी का ऐलान

देश
लव रघुवंशी
Updated Feb 26, 2020 | 18:43 IST

दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान मारे गए हेड कांस्टेबल रतन लाल के परिवार को आप सरकार एक करोड़ रुपए का मुआवजा देगी।

Head Constable Ratan Lal
फाइल फोटो 

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में फैली हिंसा में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल के परिवार की मदद के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार आगे आई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में मदद का ऐलान करते हुए कहा, 'मैं दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल जी के परिवार को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम उनकी देखभाल करेंगे। हम 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी देंगे।'

इससे पहले केंद्र सरकार ने हेड कांस्टेबल रतन लाल को शहीद का दर्जा दिया। इसके अलावा, परिवार के सदस्यों को 1 करोड़ रुपए और उनकी विधवा को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के समक्ष रतन लाल के परिवार के लिए मुआवजे के लिए याचिका दायर की गई थी।

शहीद रतन लाल को लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, 'यह परेशान करने वाली बात है कि दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल जी को कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्हें शहीद का सम्मान दिया गया है और उनके परिवार को 1 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। हम उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी प्रदान करेंगे।' 

अमित शाह ने रतन लाल की पत्नी को लिखा पत्र
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने हेड कांस्टेबल रतन लाल की पत्नी को मंगलवार को पत्र लिखकर अपना शोक संदेश भेजा और कहा कि पूरा देश इस दुख की घड़ी में बहादुर पुलिसकर्मी के परिवार के साथ है। रतन लाल की विधवा पूनम देवी को लिखे पत्र में शाह ने कहा कि उन्होंने कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। आपके बहादुर पति समर्पित पुलिसकर्मी थे जिन्होंने कठिन चुनौतियों का सामना किया। सच्चे सिपाही की तरह उन्होंने इस देश की सेवा के लिए सर्वोच्च कुर्बानी दी। मैं ईश्वर से आपको इस दुख और असमय क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं। 

 

गोली लगने से हुई रतन लाल की मौत
शुरुआती रिपोर्टों में कहा गया था कि रतन लाल की क्षेत्र में दो समूहों के बीच हुई हिंसक झड़पों में पथराव के दौरान सिर में चोट लगने से मौत हुई। हालांकि, बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुष्टि की कि हेड कांस्टेबल की गोली लगने से मौत हुई। ऑटोप्सी रिपोर्ट के अनुसार, गोली उनके शरीर में बाएं कंधे के माध्यम से प्रवेश करती है और दाहिने कंधे तक जाती है, जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है।

42 साल के रतन लाल मूल रूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे और 1998 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। 

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