भारत के मुसलमानों से पूछना चाहता हूं, धर्मनिरपेक्षता से क्या मिला? इसमें न फंसें: असदुद्दीन ओवैसी

देश
रामानुज सिंह
Updated Dec 12, 2021 | 08:00 IST

AIMIM के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों से अपील की कि राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता में न फंसें। साथ ही पूछा कि हमें धर्मनिरपेक्षता से क्या मिला?

Asaduddin Owaisi says I want to ask the Muslims of India, what have we got from secularism?
असदुद्दीन ओवैसी 
मुख्य बातें
  • ओवैसी ने कहा कि क्या हमें धर्मनिरपेक्षता से आरक्षण मिला?
  • क्या मस्जिद को ध्वस्त करने वालों को सजा मिली?
  • राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता में न फंसने की अपील करता हूं।

मुंबई (महाराष्ट्र): ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को मुसलमानों को राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता में न फंसने की सलाह दी। तिरंगा यात्रा के दौरान मुंबई में रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि मैं भारत के मुसलमानों से पूछना चाहता हूं कि हमें धर्मनिरपेक्षता से क्या मिला? क्या हमें धर्मनिरपेक्षता से आरक्षण मिला? क्या मस्जिद को ध्वस्त करने वालों को सजा मिली? नहीं, किसी को नहीं मिला कुछ भी। मैं संवैधानिक धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करता हूं न कि राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता में। मैं सभी से राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता में न फंसने की अपील करता हूं।

उन्होंने आगे कहा कि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि महाराष्ट्र में केवल 22% मुस्लिम प्राथमिक स्कूलों में प्रवेश ले पाते हैं, मिडिल स्कूल में केवल 13% मुस्लिम छात्र हैं।, स्नातक मुस्लिम केवल 4.9% हैं।  महाराष्ट्र में 83% मुस्लिम भूमिहीन हैं। उन्होंने शिवसेना और बीजेपी को आड़े हाथ लिया और कहा कि अगर सरकार मुसलमानों को आरक्षण देती तो मुस्लिम बच्चों को शिक्षा मिलती। फैसला लेने की प्रक्रिया में हमारी हिस्सेदारी नहीं है। अधिकार नहीं है। ओवैसी ने इसके साथ ही कहा कि धर्मनिरपेक्ष शब्द से मुस्लिमों का नुकसान हुआ है।

उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना का दिल केवल मराठाओं के लिए धड़कता है? उन्होंने दावा किया कि राज्य में मराठाओं का जीवन स्तर मुसलमानों से कहीं अधिक बेहतर है। सत्तारूढ़ गठबंधन पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी ने सत्ता के लिए शिवसेना से हाथ मिलाया और मुस्लिम समुदाय को शिक्षा और रोजगार में 5 प्रतिशत आरक्षण देने के वादे को भूल गए।

ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी आरोप लगाते हैं कि एआईएमआईएम धर्मनिरपेक्ष मतों में बंटवारा कराती है। क्या शिवसेना धर्मनिरपेक्ष है? जब उद्धव ठाकरे कहते हैं कि वह शिवसैनिकों द्वारा बाबरी मस्जिद को तोड़े जाने पर गर्व महसूस करते हैं तब ये दोनों दल चुप रहते हैं।

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