वायनाड़: उत्तर भारत में जहां एक तरफ विधानसभा चुनाव चुनावों में बीजेपी के टिकट को लेकर मारामारी रहती हैं वहीं दक्षिण के केरल में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक शख्स को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया तो उसे इसकी जानकारी टीवी से मिली और वह हैरान रह गया। इसके बाद युवक ने चुनाव लड़ने से ही इनकार कर दिया और कहा कि वह अभी अपनी पढ़ाई को जारी रखना चाहता है।
एमबीए की पढ़ाई कर चुके हैं मणि
एमबीए की पढ़ाई कर चुके युवक मणिकांतन को को बीजेपी ने वायनाड़ जिले में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित मननथावाड़ी सीट से टिकट दिया था। पनिया जनजाति से ताल्लुक रखने वाले मणिकांतन को जब इसकी जानकारी टीवी से मिली तो उन्होंने एक वीडियो साझा किया और बीजेपी उम्मीदवार बनने की पेशकश को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि वो चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं। इससे पहले भाजपा ने केरल विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची रविवार को जारी की थी।
टीवी से पता चला
दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच मननथावाड़ी सीट भी शामिल थी। दोस्तों और रिश्तेदारों में मणिकुट्टन नाम से चर्चित 31 साल के मणिकांतन ने कहा कि खबर आने तक उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने की जानकारी नहीं थी। उन्होने बताया, 'मुझे अपना नाम टीवी पर देखा तो मैं चौंक गया और मैंने पार्टी को चुनाव न लड़ने के अपने फैसले के बारे में बताया।' उधर बीजेपी ने इस बारे में अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।'
आपको बता दें कि केरल में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की तेजतर्रार महिला नेता शोभा सुंदरन को कझाकूतम सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। केन्द्रीय मंत्री वी मुरलीधरन को साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया था, जिन्हें करीब सात हजार वोटों से शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
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