गुवाहाटी : कोरोना वायरस से चीन में तबाही मची हुई है। भारत सहित दुनिया के अन्य देशों में भी इसका मामला सामने आया है, जिससे लगभग 3000 लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच असम की एक बीजेपी विधायक ने अजीबोगरीब दलील देते हुए कहा है कि इस जानलेवा संक्रमण का इलाज गोमूत्र व गोबर से किया जा सकता है।
बीजेपी विधायक सुमन हरिप्रिया का यह चौंकाने वाला बयान ऐसे समय में आया है, जबकि चीन में जनवरी से ही तबाही मचा रहे कोरोना वायरस के निदान के लिए अब तक कोई सटीक इलाज नहीं ढूंढा जा सका है और इसके लिए वैज्ञानिक लगातार नए शोध कर रहे हैं। ऐसे में बीजेपी विधायक ने गोमूत्र और गोबर के कोरोना वायरस के उपचार में मददगार होने की बात कहकर लोगों को चौंका दिया है।
विधायक ने क्या कहा?
बीजेपी विधायक ने असम विधानसभा में शुक्रवार को ये बातें कहीं। इतना ही नहीं, उन्होंने गोमूत्र व गोबर को कैंसर जैसे असाध्य रोगों के इलाज में भी कारगर बताया। वह राज्य विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन मवेशियों की बांग्लादेश तस्करी पर चर्चा कर रही थीं, जब उन्होंने कहा, 'सभी को पता है कि गाय का गोबर कितना फायदेमंद है। गोमूत्र का छिड़काव जहां किसी भी स्थान को शुद्ध करने के लिए भी किया जाता है, वहीं मेरा मानना है कि गोमूत्र और गोबर का इस्तेमाल कोरोना वायरस के इलाज में भी किया जा सकता है।'
उन्होंने कहा, 'गाय एक तरह से संपदा है, जिसका इस्तेमाल कर कैंसर सहित अन्य कई असाध्य बीमारियों के उपचार के लिए भी दवाएं ईजाद की गई हैं। गुजरात के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में कैंसर के मरीजों को गायों के साथ रहने दिया जाता है। वहां कैंसर के मरीजों पर गोबर भी लगाया जाता है। उन्हें गोमूत्र से तैयार पंचामृत भी दिया जाता है।'
अन्य बीजेपी नेता भी कर चुके हैं ऐसी टिप्पणी
यहां उल्लेखनीय है कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब बीजेपी नेता के इस तरह के किसी बयान ने चौंकाया है। इससे पहले उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी कह चुके हैं कि गाय एकमात्र ऐसा पशु है, जो ऑक्सीजन छोड़ती है और उसके नजदीक रहने से टीबी तक ठीक हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि गाय के गोबर और गोमूत्र से किडनी और हृदय रोग सहित अन्य बीमारियों का भी उपचार हो सकता है। भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी दावा कर चुकी हैं कि गोमूत्र से उनका कैंसर ठीक हो गया।
त्रिपुरा के सीएम ने भी दिया था ज्ञान
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव देव के उस बयान पर भी लोग खूब चौंके थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि जलाशयों में बतखों के तैरने से पानी में ऑक्सीजन बढ़ता है। ऐसे ही एक अन्य बयान में उन्होंने महाभारत काल का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौर में भी इंटरनेट और सैटेलाइट जैसी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध थीं। उन्होंने महाभारत में संजय के हस्तिनापुर में बैठे-बैठे धृतराष्ट्र को कुरुक्षेत्र के मैदान में युद्ध के बारे में जानकारी देने का जिक्र करते हुए यह दलील दी थी।
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