विमान में गौरव भाटिया ने पूछा-झटका है या हलाल? जवाब मिला तो करना पड़ा ट्वीट

भाजपा प्रवक्ता का कहना है कि उन्हें जो जवाब मिला उससे उन्हें हैरानी हुई। विमान कर्मचारियों की तरफ से उन्हें बताया गया कि वे केवल हलाल मीट ही यात्रियों को परोसते हैं क्योंकि कंपनी का यही नियम है।

BJP spokespers Gaurav Bhatia asks why Jhatka meat not being served in flight
विमान में गौरव भाटिया ने पूछा-झटका या हलाल?   |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • विमान यात्रा के दौरान गौरव भाटिया ने पूछा मीट हलाल या झटका
  • विमान कंपनी ने कहा कि वह यात्रियों को केवल हलाल मीट परोसती है
  • भाटिया ने पूछा जो झटका मीट खाते हैं उनकी भवनाओं का क्या?

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने झटका बनाम हलाल की बहस को तेज करते हुए दिखे हैं। भाटिया ने सोमवार को कहा कि उन्होंने एयर विस्तारा से हवाई यात्रा की और इस दौरान उन्होंने विमान में मिलने वाले मांसाहारी भोजन के बारे में पूछा कि वह झटका है या हलाल। भाजपा प्रवक्ता का कहना है कि उन्हें जो जवाब मिला उससे उन्हें हैरानी हुई। विमान कर्मचारियों की तरफ से उन्हें बताया गया कि वे केवल हलाल मीट ही यात्रियों को परोसते हैं क्योंकि कंपनी का यही नियम है।

इस पर भाटिया ने सवाल किया है कि क्या यह नियम भेदभाव करने वाला नहीं है। उनका क्या जो विमान में झटका मीट खाना चाहते हैं? दूसरे की भावनाओं का सम्मान क्यों नहीं किया जा रहा है?  

झटका बनाम हलाल मीट की बहस ने जोर पकड़ी है
देश में पिछले कुछ समय से झटका बनाम हलाल मीट की बहस ने जोर पकड़ी है। एक समुदाय विशेष की मांग को देखते हुए मीट की दुकानों पर झटका या हलाल मांस के बारे में जिक्र किया जाने लगा है। ऑनलाइन खाने का ऑर्डर लेने वाली कंपनियों स्वीगी और जोमैटो से भी लोगों ने पूछा है कि वे कौन से मीट की सर्विस देते हैं। दक्षिण दिल्ली नगर निगम में मांस बेचने वाले दुकानदारों को सार्वजनिक रूप से बताने के लिए कहा गया है कि उनका मांस हलाल है या झटका। 

एपीईडीए ने हलाल शब्द हटाया
गत जनवरी माह में हिंदूवादी दक्षिणपंथी एवं सिख संगठनों ने मीट के उत्पादों से हलाल शब्द हटाने के लिए एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया था जिसके बाद एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथारिटी (एपीईडीए) ने अपने 'रेड मीट मैन्युअल' से हलाल शब्द हटा दिया। इस पर एआईएमआईएम ने आपत्ति जाहिर की। एआईएमआईएम ने कहा, 'मुस्लिम देश से लेकर जहां-जहां मुसलमान हैं वे इस गोश्त को खाने से परहेज करेंगे। मीट एक्सपोर्ट का बिजनेस डैमेज होगा और मीट के व्यापारियों को इससे नुकसान होगा।'

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