मां को जन्‍मदिन पर सरप्राइज देना चाहते थे कैप्टन साठे, अचानक मिली मौत की खबर

देश
भाषा
Updated Aug 08, 2020 | 20:18 IST

Air India Express plane crash: विमान हादसे में जान गंवाने वाले कैप्‍टन दीपक साठे शनिवार को अपनी मां के 84वें जन्‍मदिन पर उन्‍हें सरप्राइज देना चाहते थे, लेकिन अचानक उन्‍हें प्‍लेन क्रैश की खबर मिली।

मां को जन्‍मदिन पर सरप्राइज देना चाहते थे कैप्टन साठे, अचानक मिली मौत की खबर
मां को जन्‍मदिन पर सरप्राइज देना चाहते थे कैप्टन साठे, अचानक मिली मौत की खबर  |  तस्वीर साभार: Facebook
मुख्य बातें
  • एयर इंडिया एक्‍सप्रेस विमान हादसे में कैप्टन दीपक साठे की भी जान चली गई
  • साठे 8 अगस्‍त को नागपुर पहुंचकर मां को जन्‍मदिन पर सरप्राइज देना चाहते थे
  • हालांकि परिवार को प्लेन क्रैश की खबर मिली, जिससे वे गहरे सदमें में हैं

नागपुर : केरल के कोझिकोड हवाई अड्डे पर हादसे के शिकार एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान में अन्य 17 लोगों के साथ अपनी जान गंवाने वाले कैप्टन दीपक साठे की योजना शनिवार को मां की 84वीं सालगिरह पर अचानक नागपुर पहुंच कर उन्हें सरप्राइज देने की थी। उनके रिश्तेदार ने बताया कि मां द्वारा 84वां जन्मदिन मनाने से पहले ही शुक्रवार को 58 वर्षीय साठे की विमान दुर्घटना में मौत हो गई।

उनके भांजे डॉ. यशोधन साठे ने शनिवार को बाताया, 'आज कैप्टन साठे की मां का जन्मदिन है। उन्होंने आखिरी बार मार्च में अपने माता-पिता से मुलाकात की थी, लेकिन फोन के जरिये वह नियमित रूप से उनके संपर्क में रहते थे। उन्होंने दो दिन पहले ही फोन पर बात की थी।' उन्होंने बताया, 'कैप्टन ने अपने कुछ रिश्तेदारों से कहा था कि अगर उड़ान उपलब्ध होगी तो वह मां के जन्मदिन पर नागपुर पहुंचकर उन्हें सरप्राइज देंगे।'

मां को देते थे घर से नहीं निकलने की सलाह

कैप्टन साठे पत्नी के साथ मुंबई रहते थे। उनकी मां नीला साठे अपने पति और सेना से अवकाश प्राप्त कर्नल वसंत साठे के साथ नागपुर के भारत कॉलोनी में रहती हैं। कोरोना वायरस की महामारी के चलते कैप्टन साठे ने मां से कहा था कि वह घर से बाहर नहीं निकलें। रोती हुई नीला साठे ने कहा, 'वह कहते थे कि कोरोना वायरस के चलते मैं घर से बाहर नहीं निकलूं। वह कहते थे कि अगर मुझे कुछ हुआ तो उन्हें सबसे ज्यादा दुख होगा और अचानक यह हादसा हो गया... भगवान की इच्छा के आगे हम क्या कर सकते हैं।'

(महाराष्‍ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कैप्‍टन साठे के माता-पिता से नागपुर जाकर मुलाकात की: साभार- ANI)

उन्होंने याद करते हुए कहा कि वह खेल हो या पढ़ाई, सभी में अव्वल आता था। नीला साठे ने कहा, 'उन्हें टेबल टेनिस और स्क्वॉश में महारत हासिल थी और वह अच्छे घुड़सवार थे। मेरे बेटे को दुलर्भ 'स्वार्ड ऑफ ऑर्नर' मिला, लेकिन वह उपनी उपलब्धियों की चर्चा नहीं करता थे। वह पहले महाराष्ट्रवासी थे जिन्हें वायुसेना के सभी आठ पुरस्कार मिले हैं।' उन्होंने कहा, 'वह लोगों की मदद करने थे और दूसरों की मदद के लिए कुछ भी कर सकते थे। गुजरात में आई बाढ़ के दौरान उन्होंने कंधे पर उठाकर सैनिकों के बच्चों को बचाया। वह बहुत ही होनहार अधिकारी थे।' साठे की मां ने अपने बड़े बेटे विकास साठे को भी याद किया जो सेना में लेफ्टिनेंट थे और सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी। 

पत्‍नी रिश्‍तेदार के साथ कोझिकोड में मौजूद

उल्लेखनीय है कि इस हादसे में साठे विमान की कमान संभाल रहे थे और सह पायलट अखिलेश थे। दोनों की इस हादसे में मौत हो गई है। साठे वायुसेना के पूर्व विंग कमांडर थे और बल में विमान परीक्षण की जिम्मेदारी संभालते थे। वह पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा आकदमी के 58वें सत्र के पासआउट थे। डॉ. यशोधन साठे ने बताया कि कैप्टन साठे का शव अभी तक परिवार को सौंपा नहीं गया है।

उन्होंने बताया, 'पत्नी और एक रिश्तेदार कोझिकोड में हैं, लेकिन अंतिम संस्कार कहां किया जाएगा, इसपर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। कोरोना वायरस की पाबंदी की वजह से हम वहां नहीं जा सकते।' कैप्टन साठे के दो बेटे धनंजय और शांतनु हैं। डॉ. यशोधन ने बताया, 'धनंजय बेंगलुरु में रहते हैं और सड़क मार्ग से कोझिकोड जाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि शांतनु अमेरिका रहते हैं। वह अभी नहीं आ पाएंगे।'

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर