Guidelines for Home isolation : होम आइसोलेशन पर क्या कहती है सरकार की नई गाइडलाइन 

New home isolation guidelines : देश में कोरोना और ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे एवं प्रसार को देखते हुए केंद्र सरकार ने होम आइसोलेशन के लिए नए सिरे से गाइडलाइन जारी की है।

 Centre issues new home isolation guidelines as Covid cases surge
होम आइसोलेसन पर सरकार की नई गाइडलाइन।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच होम आइसोलेशन पर सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन
  • ऐसे मरीज जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होगी, उन्हें होम आइसोलेशन की इजाजत नहीं होगी
  • बुजुर्ग मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी

नई दिल्ली : देश में कोरोना और ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे एवं प्रसार को देखते हुए केंद्र सरकार ने होम आइसोलेशन के लिए नए सिरे से गाइडलाइन जारी की है। ये गाइडलाइन कोविड-19 के हल्के लक्षण वाले और संक्रमण का लक्षण नहीं दिखाने वाले लोगों के लिए जारी किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी इस नई गाइडलाइन में कहा गया है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले ऐसे मरीज जो पॉजिटिव होने के बाद कम से कम सात दिन घर में गुजार चुके है और जिन्हें बीते तीन दिनों से बुखार नहीं आया है, उनका होम आइसोलेशन समाप्त एवं उन्हें ठीक समझा जाएगा। होम आइसोलेशन की अवधि पूरी होने के बाद उन्हें दोबारा जांच कराने की जरूरत नहीं है।  

इन्हें नहीं होगी होम आइसोलेशन की इजाजत

मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक होम आइसोलेशन पर उसकी यह गाइडलाइन ऐसे मरीजों (एचआईवी संक्रमित, मरीज जिनका ट्रांसप्लांट हुआ है या जो कैंसर के मरीज हैं) के लिए नहीं है जिनकी प्रतिरोधक क्षमता जैसे कि कम है। इन्हें इलाज करने वाले डॉक्टर की सलाह पर ही होम आइसोलेशन की इजाजत होगी। बुधवार को बीते 24 घंटे में देश में कोरोना संक्रमण के 58,097 केस आए जबकि 534 लोगों की मौत हुई।   

  • बुजुर्ग मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर होम आइसोलेशन की अनुमति।
  • हल्के लक्षण वाले मरीज घर पर रहेंगे।
  • जिसके लिए प्रॉपर वेंटिलेशन रहना जरूरी।
  • मरीज को ट्रिपल लेयर मास्क पहनने की सलाह।
  • मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लेने की सलाह।
  • बिना लक्षण वाले और हल्के सिम्पटम वाले मरीज जिनका आक्सीजन सेचुरेशन 93% से ज्यादा हो उन्हें होम आइसोलेशन।

माइल्ड और एसिम्प्टोमेटिक ऐसे मरीज जो होम आइसोलेशन में होंगे उनसे जिले स्तर पर कंट्रोल रूम लगातार संपर्क में रहना होगा जो उन्हें जरूरत पड़ने पर टेस्टिंग और हॉस्पिटल बेड समय पर करवा सके। मरीज को एस्टरॉयड लेने की मनाही, सिटी स्कैन और चेस्ट एक्सरे बिना डॉक्टर की सलाह के मनाही। 

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