चीन ने पहली बार बताया-गलवान घाटी में उसके कितने सैनिक मारे गए

इस सप्ताह की शुरुआत में मोल्डो में भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच छठे दौर की बातचीत हुई। इस बातचीत में चीन की सेना ने भारतीय अधिकारियों को अपने हताहत हुए सैनिकों की संख्या में जानकारी दी।

 China first time Admits It Lost 5 Soldiers in Galwan Clash
China ने पहली बार बताया-गलवान घाटी में उसके कितने सैनिक मारे गए। 
मुख्य बातें
  • गत 14 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई थी हिंसक भिड़ंत
  • गलवान घाटी में हुई इस हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे
  • चीन ने अब आधिकारिक रूप से माना कि उसके 5 सैनिक मारे गए

नई दिल्ली : गत 14 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या भारत ने आधिकारिक रूप से बताई है। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस टकराव में उसके 20 सैनिक शहीद हुए लेकिन चीन की तरफ से अपने हताहत सैनिकों के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया लेकिन इस घटना के तीन महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद बीजिंग ने आधिकारिक रूप से भारत को बताया है कि इस संघर्ष में उसके पांच सैनिक मारे गए। 

पांच सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस सप्ताह की शुरुआत में मोल्डो में भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच छठे दौर की बातचीत हुई। इस बातचीत में चीन की सेना ने भारतीय अधिकारियों को अपने हताहत हुए सैनिकों की संख्या में जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक इसके पहले सरकारी सूत्रों ने कहा था कि बीजिंग ने इस संघर्ष में अपने एक कमांडिंग अफसर के मारे जाने की बात कबूली थी। 

अधिकारी ने कहा कि यह आंकड़ा कहीं ज्यादा है
एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि इस संघर्ष में मारे गए सैनिकों की संख्या चीन द्वारा बताए जा रहे आंकड़े से कहीं ज्यादा होगी। उन्होंने कहा, 'चीन मारे गए सैनिकों की संख्या यदि पांच बता रहा है तो उसे तीन गुना कर लीजिए।' अधिकारी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ टकराव की स्थिति भले ही इस साल के मई से बननी शुरू हुई हो लेकिन ऐसा हो सकता है कि चीन 2017 के डोकलाम विवाद के बाद से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव बढ़ाने की कोशिशों में जुट गया हो। 

रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने कहरा कि एलएसी पर गश्त करने के लिए चीन 50 से 100 के बीच अपने सैनिकों को भेजने लगा था, पहले यह संख्या 15 से 20 हुआ करती थी। 

गलवान हिंसा के बाद चरम पर पहुंचा तनाव
बता दें कि गलवान घाटी की हिंसा के बाद पूर्वी लद्दाख सहित एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। स्थिति को नियंत्रण में लाने और तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर कई दफे बातचीत हुई है लेकिन हालात में सुधार नहीं आया है। मास्को में दोनों विदेश मंत्रियों के बीच तनाव कम करने के लिए सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति बनी है। इस सहमति के अनुरूप दोनों देशों के बीच एक बार फिर सैन्य स्तर पर बातचीत हो रही है। 

भारत ने सीमा पर की है पुख्ता तैयारी
चीन की मंशा भांपते हुए सीमा पर भारत ने अपनी पूरी तैयारी की है। लद्दाख सहित चीन सीमा से लगने वाले सभी सेक्टरों में सेना किसी भी सामना करने के लिए मुस्तैद है। पीएलए की तरफ से होने वाली किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए एलएसी के समीप अपने ठिकानों पर वायु सेना अलर्ट है। अग्रिम मोर्चों पर तैनात जवानों की मदद करने के लिए सैन्य ठिकानों पर भारतीय सेना अपने हथियारों, बख्तरबंद हथियारों एवं उकरणों के साथ मौजूद है। भारत ने लद्दाख में मिसाइलें तैनात की हैं। राफेल से लेकर सुखाई 30 एमकेआई, मिग-29, मिराज और लड़ाकू हेलिकॉप्टर लद्दाख में रोजाना अभ्यास कर रहे हैं। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर