डोकलाम 2.0 की ओर 'ड्रैगन'? जहां हुआ सेना-PLA का आमना-सामना वहां बसा चीनी गांव, घरों के बाहर दिखीं कार- सैटेलाइट फोटो में खुलासा

देश
अभिषेक गुप्ता
अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Jul 20, 2022 | 08:46 IST

India China Border Issue: इस बीच, भारत और चीन को पैट्रोलिंग प्वॉइंट 15 के पास विघटन (पीछे हटने) पर सकारात्मक कदम देखने की संभावना है।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • पठार और घाटी वाला एक क्षेत्र है डोकलाम
  • पड़ता भूटान के हिस्से में, पर चीन भी करता है अपना दावा
  • तस्वीरों पर फिलहाल न आई सेना की टिप्पणी

India China Doklam Issue: भूटान की ओर डोकलाम पठार के पूर्वी इलाके में चीन के एक गांव के निर्माण का संकेत देने वालीं नई सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं। फोटो में चीनी गांव में हर घर के बार कारें भी खड़ी नजर आईं। ये फोटो आठ मार्च 2022 को लिए गए थे, जिन्हें स्पेस साइंस (अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी) में खुफिया मसलों पर ध्यान देने वाली कंपनी मेक्सर (MAXAR) ने खींचा। ये फोटो अंग्रेजी टीवी चैनल एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में मंगलवार (19 जुलाई, 2022) को दिखाए।

गांव डोकलाम पठार से नौ किमी पूर्व में बसाया गया है। इस गांव को बीजिंग की ओर से पंगडा (Pangda) कहा जाता है, जिसका ब्यौरा पहली बार 2021 में चैनल की मीडिया रिपोर्ट में दिया गया था। तस्वीरों में पंगडा के साथ एक साफ-सुथरा चिह्नित ऑल-वेदर कैरिजवे भी नजर आया, जो भूटान में चीन के व्यापक भूमि-हथियाने का हिस्सा है। यह तेजी से बहने वाली अमो चू नदी के किनारे भूटानी क्षेत्र में 10 किमी के आसपास है। 

अमो चू के पास चीनी निर्माण के क्या हैं मायने?
भारत के लिए अमो चू के इर्द-गिर्द निर्माण का मतलब है कि चीनी सेना को निकटवर्ती डोकलाम पठार में एक रणनीतिक रिज तक पहुंच प्राप्त हो सकती है। यह उन्हें भारत के संवेदनशील सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए एक सीधी रेखा मुहैया करा सकता है, जो कि देश के बाकी हिस्सों के साथ पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ने वाली भूमि का संकीर्ण हिस्सा है।

2017 में हुआ था भारत-चीन की सेना का आमना-सामना
हालांकि, इन नई तस्वीरों पर सेना की ओर से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं आई है। सबसे रोचक बात है कि यह वही इलाका है, जहां पर साल 2017 में भारतीय सेना और पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलएः चीन की सेना) का आमना-सामना हुआ था। डोकलाम ट्राई-जंक्शन पर भारत और चीन की सेना के बीच 73 दिनों तक गतिरोध बना रहा था, जब चीन ने उस क्षेत्र में एक सड़क का विस्तार करने की कोशिश की जिस पर भूटान ने दावा किया था। दरअसल, इस क्षेत्र को भारत के रणनीतिक हित के लिए खासा अहम माना जाता है। 

...तो इसलिए अहम है डोकलाम 
डोकलाम को झोगलम डोंगलांग के नाम से भी जाना जाता है। यह एक किस्म का पठार और घाटी वाला क्षेत्र है। भारत और चीन के लिए यह इसलिए मायने रखता है क्योंकि यह उत्तर में चीन की चुम्बी घाटी, पूर्व में भूटान की हा घाटी और पश्चिम में भारत के सिक्किम राज्य की नाथंग घाटी के बीच पड़ता है। वैसे, इसे साल 1961 से भूटानी नक्शों में भूटान के हिस्से के रूप में दर्शाया गया है, पर चीन भी अपना दावा ठोंकता आया है।  

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