Climate Change: मार्च के महीने में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी, आने वाले समय में धरती पर खतरे की आहट!

देश
प्रेरित कुमार
Updated Apr 09, 2022 | 17:55 IST

क्लाइमेट चेंज का असर धरती के तापमान पर पड़ने लगा है। पृथ्वी पर तापमान का संतुलन बिगड़ने लगा है। जिस तरह से मार्च के महीने में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी दर्ज हुई है उससे आने वाले समय में धरती पर खतरे की आहट को पहचाना जा सकता है। अगर इस आहट को पहचान कर दुनिया ने अपनी सतर्कता नहीं दिखाई तो धरती गर्म गोला बन जाएगा।

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मार्च के महीने में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी, आने वाले समय में धरती पर खतरे की आहट! 

Climate Change: मार्च का तापमान रिकॉर्ड में सबसे गर्म तापमान का बताया रहा है। इसकी बहुत सामान्य वजह है जलवायु परिवर्तन। ग्रीन हाउस गैस, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन से हो रहा है। एसी, फ्रिज में जो गैस का इस्तेमाल करते हैं उसका उत्सर्जन हो गया है। जितना भी फॉसिल फ्यूल एनर्जी का इस्तेमाल कर रहे हैं उतना पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। अभी जो रीसेंट आईपीसीसी की रिपोर्ट आई है का कहना है कि तापमान 1850 ईसवी के मुकाबले 1.25℃ डिग्री बढ़ चुका है और अगले 10 साल में 1.5℃ तापमान और बढ़ने की आशंका है।

मार्च को हमारे देश में ठंडा महीना माना जाता है। और अगर मार्च में है रिकॉर्ड तोड़ गर्मी दर्ज की गई है तो अप्रैल और मई में किस तरह की गर्मी होगी। तापमान अगर बढ़ता है तो उससे हीट वेव  बढ़ेगा। और अगर हीट वेव बढ़ता है तो उसके कारण हमारे देश की अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और स्वास्थ्य पर बड़ा असर पड़ेगा। हमारे देश में गर्मी से मरने वाले लोगों में हीटवेव एक बहुत बड़ा कारण है। हीट वेभ बढ़ेगा ही बढ़ेगा। लेकिन किस तरीके से हम  इस हीट वेव  से डील करेंगे यह महत्वपूर्ण है।

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आज के समय में जो मध्यवर्ग या उच्च वर्ग के जो लोग हैं जिनके पास पैसा है, वह बिना एयर कंडीशनर के नहीं रह पाते हैं। लेकिन इस देश में जिन लोगों के पास एयर कंडीशनर का पैसा नहीं है उन पर इस गर्मी का सबसे बड़ा प्रकोप और वेभ का असर पड़ेगा। अगर इस देश में क्लाइमेट चेंज का इंपैक्ट होगा तो वह दो चीजों पर होगा। एक मानसून पर होगा और दूसरा गर्मी पर होगा। 

भविष्य में दुनिया को लेकर 2 तरह की कल्पना करता हूँ। या तो  पूरा विश्व मानवता के लिए एक साथ खड़ा होगा और पृथ्वी का 1.5 डिग्री तापमान कम करेगा और मनुष्य और जीव जंतुओं को बचा लेंगे।  दूसरी कल्पना के अनुसार देश साथ नहीं आएंगे  मानवता गुस्से से लड़ते रहेंगे और एक तरह से हम क्लाइमेट चेंज को सॉल्व नहीं कर पाएंगे। और क्लाइमेट चेंज का जो अकल्पनीय इंपैक्ट है उसमें काफी लोग मरेंगे। पर्यावरण का बहुत नुकसान हुआ है और जिस तरह हम अभी धरती को देख रहे हैं आने वाले समय में ऐसी धरती नहीं दिखेगी।

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मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि मार्च में कहीं बारिश नहीं हुई है।  लार्ज पार्ट ऑफ इंडिया मे बारिश नहीं हुई। वेस्टर्न डिस्टरबेंस नहीं था और कोई मेजर सिस्टम ईफैक्ट नहीं हुआ। इसकी वजह से हीट वेव सेकंड हाफ में रहा और उसके साथ साथ सामान्य से थोड़ा ज्यादा तापमान रहा। इसलिए राजस्थान, मध्य प्रदेश दिल्ली से लेकर हरियाणा तक के तमाम राज्य हैं जहां हीट वेव का ज्यादा असर है। यह हीट वेभ अभी रहेगा और इसका इंपैक्ट भी रहेगा।

हमने लगभग 5 दिनों तक हीट वेव महसूस किया और अगर इसी तरीके से अगर अगले 5 से 7 दिन और महसूस किया तो उसके लिए फिर जरूरी कदम उठाए जाते हैं। हम लोगों से अपील करने लगते हैं कि जब बाहर निकल रहे हैं वह अपने शरीर को धूप के डायरेक्ट संपर्क में नहीं आने दे। जो कंस्ट्रक्शन के जो मजदूर काम कर रहे हैं, सड़क बनाने में वह अपनी शिफ्ट की टाइमिंग को बदलने की कोशिश करें। या फिर धूप को डायरेक्ट बॉडी कांटेक्ट को नहीं आने दे।

हीट वेव और गर्मी के अनुसार हम अलर्ट जारी करते हैं। और संबंधित विभागों से लगातार संपर्क कर रहे हैं। चाहे वह फायर डिपार्टमेंट हो, सिटी म्युनिसिपैलिटी हो, जल संसाधन मंत्रालय हो, जो पावर कंपनियां बिजली का डिस्ट्रीब्यूशन करती है इन सब से हम लोग संपर्क में है। फिलहाल 10 अप्रैल तक मौसम में किसी भी तरह के बदलाव के आसार नहीं है। वहीं इस तरह के जलवायु परिवर्तन के कारण जो गर्मी बढ़ी है उससे आमलोग भी काफी परेशान हो गए हैं। ऑटो चलाने वाले चालक का कहना है कि गर्मी के कारण दोपहर में कोई ऑटो सवारी नहीं मिलता। धंधे पर असर पड़ने लगा है। 

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