फिर एक्शन में CM योगी, रातोंरात किया बसों का इंतजाम, दिल्ली सीमा से निकालेंगे 1 लाख प्रवासी मजदूर

यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दिल्ली सरकार पर निशाने साधते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने इन मजदूरों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। मजदूर अपने गृह जिले की तरफ रवाना हो रहे हैं।

CM Yogi facilitates buses to help 1 lakh workers to reach their native places
दिल्ली सीमा से 1 लाख प्रवासी मजदूरों को निकालेंगे CM योगी। 
मुख्य बातें
  • केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में छह दिनों के लिए लागू किया है लॉकडाउन
  • राजधानी दिल्ली में 26 अप्रैल की सुबह 5 बजे तक दिल्ली में लागू रहेगा लॉकडाउन
  • घर जाने के लिए आनंद विहार बस स्टेशन बड़ी संख्या में पहुंचे प्रवासी मजदूर

लखनऊ : दिल्ली में लॉकडाउन लागू होने के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजूदर यूपी में अपने गृहस्थान की तरफ पलायन करने लगे हैं। सोमवार को पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार बस स्टेशन और रेलवे स्टेशनों पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ देखी गई। बहुत सारे प्रवासी मजदूर पिछले साल की तरह इस बार भी पैदल ही अपने घरों के लिए रवाना हुए हैं। नोएडा एवं गाजियाबाद की सीमा पर बड़ी संख्या में प्रवासियों की मौजूदगी को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार हरकत में आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्हें इनके गृहस्थान पहुंचाने के लिए बसों का इंतजाम किया है। यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दिल्ली सरकार पर निशाने साधते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने इन मजदूरों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। 

सिंह ने कहा, 'दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा लॉकडाउन की घोषणा किए जाने के बाद गाजियाबाद और नोएडा की सीमा पर प्रवासियों की भारी संख्या देखी गई। दिल्ली सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। इसे देखते हुए यूपी के मुख्यमंत्री ने करीब 70,000 से एक लाख मजदूरों की मदद करने के लिए पिछली रात बसों का इंतजाम किया। इन मजदूरों को इनके गृह जनपद पहुंचाया जाएगा।' मंत्री ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने बसों में भरकर इन मजदूरों को दिल्ली की सीमा पर छोड़ दिया है। इनमें यूपी और बिहार के प्रवासी मजदूर हैं। 

दिल्ली में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू
दिल्ली सरकार ने 26 अप्रैल की सुबह पांच बजे तक लॉकडाउन की घोषणा की है। छह दिनों के इस लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी गैर-जरूरी गतिविधियां एवं सेवाएं राजधानी में बंद रहेंगी। इस घोषणा की जानकारी होने के बाद प्रवासी मजदूर सोमवार शाम से आनंद विहार बस स्टेशन पहुंचने लगे। मजदूरों के आनंद विहार की तरफ बढ़ने से सड़कों पर काफी जाम देखा गया। बस स्टेशन पहुंचे लोगों को घंटों तक बसों का इंतजार करना पड़ा। इस दौरान सोशल डिस्टैंसिंग का पालन नहीं हुआ। 

परिवार एवं सामान के साथ पहुंचे परिवार
स्टेशन पर बहुत सारे मजदूरों के साथ भारी सामान एवं परिवार भी थे। बस का इंतजार करने वाले एक यात्री ने कहा, 'हम दैनिक मजदूरी करते हैं। लॉकडाउन की घोषणा करने से पहले मुख्यमंत्री को हमें थोड़ा समय देना चाहिए था। हमें घर जाने में 200 रुपए लगते हैं लेकिन अभी हमसे 3,000 से 4,000 रुपए मांगा जा रहा है। हम घर कैसे जाएंगे?' 

मजदूरों ने कहा-दिल्ली में अभी काम नहीं 
गाजियाबाद सीमा पर भी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर पहुंचे। यहां पैदल ही मजदूरों को अपने गृह जनपद की तरफ जाते हुए देखा गया। एक मजदूर ने कहा, 'दिल्ली में अब हमारे लिए काम नहीं है। मकान मालिक भी हमारी मदद नहीं करेंगे। यही कारण है कि हम वापस जा रहे हैं। लॉकडाउन फिर से लंबा चला तो हमें जिंदा रहना मुश्किल हो जाएगा।'

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