Coal Crisis: कोल पावर प्लांट में गहराया 'संकट' , देश के 85 पावर प्लांट में कोयले का स्टॉक क्रिटिकल

देश
कुंदन सिंह
कुंदन सिंह | Special Correspondent
Updated Apr 26, 2022 | 16:43 IST

Coal Crisis in India: देशभर के 85 थर्मल पावर प्लांट में कोयले का स्टॉक क्रिटिकल कंडिशन में पहुंच चुका है। हालांकि हालात अभी भी बहुत नाज़ुक नहीं हुए हैं। लेकिन अप्रैल महीने से ही पड़ रही भीषण गर्मी ने बिजली की मांग बढ़ा दी है और आने वाले समय में यह संकट और बड़ा हो सकता है।

coal crisis in India
देशभर के थर्मल पावर प्लांट में कोयले का संकट एक बार फिर से चर्चा में है 

नई दिल्ली: 1 अप्रैल से 15 अप्रैल 2022 के बीच कई खदानों में कोयले की ढुलाई हड़ताल और बाक़ी वजहों से प्रभावित हुई, मसलन इस दौरान इस्टर्न कोल फ़िल्ड में 2 दिनों तक हड़ताल रहा, CCL की 5 साइडिंग से क़रीब 10 दिनों तक कोयले की ढुलाई हड़ताल की वजह से बंद रही।  MCL तालचेर में 3 दिनों तक हड़ताल रहा, राजस्थान के पर्सा कंटे से 11 की जगह केवल 4 रेक कोयले की लोडिंग हुई।  NTPC के पाकरी बडवाडीह में 9 दिनों तक 8 की जगह महज़ आधे रेक की ढुलाई हुई।

कोरबा कॉम्पलेक्स से हर दिन 12 की जगह केवल 6 रेक कोयले की ढुलाई हुई, यानि इस दौरान हर रोज़ क़रीब 35 रेक कम कोयले की ढुलाई हो सकी और इससे प्लांट्स का स्टॉक प्रभावित हुआ है।

Sakshi Dhoni Viral Tweet: पावरकट से परेशान हुई एमएस धोनी की पत्‍नी साक्षी, झारखंड के अधिकारियों को लिया आड़े हाथ

देशभर के थर्मल पावर प्लांट में कोयले का संकट एक बार फिर से चर्चा में है, आरोप लग रहा है कि कोयले की पर्याप्त ढुलाई नहीं होने से ऐसा हुआ है। मौजूदा समय में थर्मल पावर प्लांट के हालात की बात करें तो

राजस्थान के 7 में से 6
पश्चिम बंगाल सभी 6
उत्तर प्रदेश के 4 में से 3         
मध्य प्रदेश 4 में से 3
महाराष्ट्र 7 में सभी 7
आंध्र प्रदेश सभी 3 प्लांट में कोयले का स्टॉक क्रिटिकल कंडिशन में पहुंच चुका है

कोयले की ढुलाई के लिए अचानक रेक की मांग

रेलवे की तरफ से सितंबर 2021 से लेकर फरवरी 2022 तक हर रोज़ 305 रेल कोयले की ढुलाई हो रही थी। फरवरी में ही कोयला मंत्रालय की मांग के बाद इसे हर दिन 396 रेक किया गया। रेलवे ने 91 रेक यानि 5278 अतिरिक्त वैगन कोयले की ढुलाई में लगाये गये, फरवरी में ही यह संख्या 405 कर दी गई।

फिर 19 अप्रैल को कोयले के संकट पर कोयला, ऊर्जा और रेल मंत्रालय की एक मीटिंग में रेलवे से कोयले की ढुलाई के लिए और रेक की मांग की गई थी. रेलवे ने इसके लिए 415 रेक देने का वादा किया था और फिलहाल उसने 410 रेक मुहैया करा दिये हैं. लेकिन अब कोयले के लिए हर रोज़ 422 रेक की मांग की जा रही है, हालांकि रेलवे का कहना है कि वो कोयले की ढुलाई के लिए रेल की कमी नहीं होने देगा।

कोयले के जल्द लोड-अनलोड न होने से संकट

सूत्रों के मुताबिक रेल मंत्रालय की तरफ से पावर मिनिस्ट्री को 22 अप्रैल को एक चिट्ठी भी लिखी गई है, जिसमें कोयले की मालगाड़ियों से जल्द लोड और अनलो़ड करने जैसी कई मांग की गई है। ताकि रेल का दोबारा जल्दी इस्तेमाल किया जा सके। रेलवे सूत्रों का यह भी कहना है कि मालगाड़ियों पर ओवर साइज़ के कोयले और बोल्डर को लोड कर दिया जाता है, इससे भी अनलोडिंग में ज़्यादा समय लगता है. इससे रेलवे का रेक फंसा रह जाता है।

थर्मल पावर प्लांट्स के पास कोयले के स्टॉक की सीमा

दरअसल हर साल गर्मी बढ़ने के साथ ही इस तरह के संकट का सामना करना होता है, इसलिए पिछले साल यह तय किया गया था पावर प्लांट अपनी स्टॉक कैपेसिटी बढ़ाएंगे और कम मांग वाले सीज़न में ज़्यादा कोयला लेकर उसका स्टॉक करेंगे।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर