नई दिल्ली : चीन में लोगों को दहलाने के बाद कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया में फैलता जा रहा है। चीन में हालांकि इसके विस्तार में कमी आई है, लेकिन यह दुनिया के अन्य देशों में तेजी के साथ पांव पसारता जा रहा है, जिनमें भारत भी शामिल है। सरकार और विशेषज्ञों ने जहां इससे बचाव को लेकर कई टिप्स लोगों को दिए हैं और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करने पर जोर दे रही है, वहीं इस बीमारी को लेकर कई ऐसी बातें भी सामने आ रही हैं, जिनमें बताया जा रहा है कि आयुर्वेदिक दवाएं इससे निपटने में कारगर हो सकती हैं तो कुछ खानपान भी इसमें मददगार साबित हो सकते हैं।
कोरोना वायरस को लेकर ये तमाम जानकारियां इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि लोगों में इसे लेकर लोगों में भ्रम भी फैलता जा रहा है, जबकि इसके उपचार के लिए अब तक कोई सटीक दवा सामने नहीं आई है और इसे लेकर अब भी शोध हो रहे हैं। कोरोना वायरस को लेकर लोगों में जो मिथक फैल रहे हैं, उनमें से एक यह भी है कि लहसुन खाने से यह संक्रामक बीमारी दूर रहती है। इस संबंध में अब कोई वैज्ञानिक प्रमाण सामने नहीं आई है। आयुर्वेदिक और हर्बल दवाओं को भी इसके उपचार में कारगर बताया जा रहा है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साफ किया है कि मौजूदा वक्त में इससे बचाव या इलाज की कोई दवा उपलब्ध नहीं है।
कोरोना वायरस के उपचार के लिए न केवल कोई दवा उपलब्ध नहीं है, बल्कि अब तक यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह बीमारी किस वजह से फैली। इसके चीन के वुहान स्थित पशु बाजार से फैलने की बात सामने आई है, पर इन चर्चाओं का कोई वैज्ञानिक प्रमाण सामने नहीं आया है कि यह कुत्ते-बिल्ली या ऐसे किसी अन्य जानवर से ही फैला है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट में कोरोना वायरस से मरने वालों में 80 प्रतिशत को बुजुर्ग बताया जा रहा है, जिसकी वजह से लोगों में यह भ्रम भी फैल रहा है कि इससे सिर्फ बुजुर्गों को ही खतरा है। लेकिन WHO ने हर किसी को आगाह किया है और सतर्कता बरतने की सलाह दी है। इस संक्रामक बीमारी से बुजुर्गों की सबसे अधिक मौत की वजह विशेषज्ञ उनमें प्रतिरोधक क्षमता की कमी को मानते हैं, जो बुजुर्गों के साथ-साथ बच्चों और किसी भी तरह की अन्य बीमारी से पहले से संक्रमित लोगों में भी अधिक होती है।
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