नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश के कई राज्यों में कोरोनो वायरस महामारी से बिगड़ती स्थिति पर ध्यान दिया और वहां की संबंधित सरकारों से जवाब मांगा। देश की राजधानी दिल्ली और गुजरात में कोविड-19 की वजह से हालात बदतर हो गए हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों को दो दिन के भीतर स्थिति रिपोर्ट विस्तार से पेश करने को कहा है। राज्यों से यह बताने को कहा गया कि वे वर्तमान के कोविड-19 की वजह से उपजे हालत से निपटने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और असम की सरकारों को वर्तमान कोविड-19 स्थिति के बारे में उनके द्वारा उठाए गए कदमों का विवरण देते हुए हलफनामा या स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी इसी तरह का हलफनामा दाखिल करने को कहा। हलफनामे में, संबंधित सरकारों को उन कदमों का उल्लेख करना आवश्यक है, जो उन्होंने उठाए हैं या वे जो कदम उठाने का इरादा रखते हैं और कोविड-19 की स्थिति से निपटने के लिए केंद्र से आवश्यक मदद लेते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति गुजरात में भी बदतर हुई और नियंत्रण से बाहर हो रही है।
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बैंच ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल संजय जैन से कहा कि दिल्ली में हालत काफी बिगड़ गए, खासकर नवंबर के महीने में। आप स्थिति रिपोर्ट पेश करें और बताएं कि इस बाबत क्या कदम उठाए गए हैं। जस्टिस आर. एस. रेड्डी और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह भी बैंच का हिस्सा हैं। बैंच ने केंद्र और राज्यों से कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निपटने और हालात को सुधारने के लिए वे हर संभव प्रयास करें।
सुप्रीम कोर्ट एक मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें उसने कोविड-19 के मरीजों को उचित इलाज देने और अस्पतालों में शवों को सम्मानजनक तरीके से रखने के बारे में संज्ञान लिया। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति गुजरात में भी बदतर हुई और नियंत्रण से बाहर हो रही है।
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