नई दिल्ली: भाजपा नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि उन्हें लोगों के प्यार के कारण कभी नहीं लगा कि वह राज्य के मुख्यमंत्री नहीं हैं। नवी मुंबई में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने मुझे कभी यह महसूस नहीं कराया कि मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं। मुझे अब भी लगता है कि मैं मुख्यमंत्री हूं क्योंकि मैं पिछले दो वर्षों से राज्य में घूम रहा हूं। लोगों का प्यार और स्नेह कम नहीं हुआ है।
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि किसी व्यक्ति का काम उसके पद से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ घर पर नहीं बैठा हूं। मैं लोगों की सेवा कर रहा हूं और विपक्ष के नेता (विधानसभा में) के रूप में अच्छा कर रहा हूं। फडणवीस ने अक्टूबर 2014 से नवंबर 2019 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। वह पिछले तीन दशकों में कार्यकाल पूरा करने वाले राज्य के पहले सीएम बने।
2019 के चुनावों के बाद फडणवीस ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट के साथ हाथ मिलाया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और पवार ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली। हालांकि नंबर नहीं होने पर उन्हें तीन दिन बाद पद से इस्तीफा देना पड़ा और शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाया।
'सपने से जल्द ही जागने की जरूरत'
राज्य कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंधे ने उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें यह स्वीकार करना चाहिए कि लोगों ने उन्हें और उनकी पार्टी को 'नकार' दिया है। उन्होंने कहा कि लगता है फडणवीस अभी भी मुख्यमंत्री पद से जुड़े हुए हैं। वह अभी भी पद का सपना देख रहे हैं। उन्हें उस सपने से जल्द ही जागने की जरूरत है। उन्हें यह स्वीकार करना होगा कि वह अभी भी विपक्ष के नेता हैं। लोगों ने उन्हें और उनकी पार्टी को नकार दिया है।
मलिक ने कहा- मुख्यमंत्री की भूमिका से बाहर आइए
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि भाजपा नेता पिछले लगभग दो वर्षों से दावा कर रहे हैं कि महाराष्ट्र में तीन दलों के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर जाएगी। अब 22 महीने से अधिक हो गए हैं। मुझे लगता है कि फडणवीस को उस मानसिकता से बाहर आना चाहिए। और विपक्ष के नेता का पद सीएम से कम नहीं है। अब उन्हें कम से कम मुख्यमंत्री की भूमिका से बाहर आकर विपक्ष के नेता की भूमिका को मान लेना चाहिए। उस तरह से भी लोगों की सेवा की जा सकती है।
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