Maneka Gandhi : BJP कार्यकारिणी से हटाए जाने पर मेनका गांधी ने तोड़ी चुप्पी, बेटे वरुण भी हैं बाहर

Sultanpur MP Maneka Gandhi : दो दिनों के दौरे पर अपने निर्वाचन क्षेत्र सुलतानपुर पहुंचीं मेनका ने कहा, 'पार्टी के कई वरिष्ठ नेता हैं जिन्हें कार्यकारिणी में जगह नहीं मिली है। नए लोगों को भी मौका मिलना चाहिए।'

Dropped From BJP national executive, Maneka Gandhi Says
सुलतानपुर से भाजपा सांसद हैं मेनका गांधी।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इस बार मेनका गांधी को जगह नहीं मिली है
  • उनके बेटे वरुण गांधी को भी इससे बाहर रखा गया है, मेनका ने कहा-वह पार्टी से संतुष्ट हैं
  • सुलतानपुर की सांसद ने कहा कि लोगों की सेवा करना उनकी पहली प्राथमिकता है

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह न मिलने पर सुलतानपुर की सांसद मेनका गांधी ने बयान दिया है। 65 वर्षीया नेता ने कहा कि वह बीते 20 सालों से भाजपा के साथ हैं और कार्यकारिणी में जगह न मिलने से उनका कद नहीं घटता है। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में भाजपा सांसद ने कहा, 'मैं बीते 20 सालों से भाजपा के साथ हूं और मैं संतुष्ट हूं। कार्यकारिणी में शामिल न होने से मेरा कद नहीं घटता। मेरी पहला धर्म सेवा करना है। यह ज्यादा जरूरी कि मुझे लोगों के दिल में ज्यादा जगह मिले।'  

कार्यकारिणी में नए लोगों को भी मौका मिलना चाहिए

दो दिनों के दौरे पर अपने निर्वाचन क्षेत्र पहुंचीं मेनका ने कहा, 'पार्टी के कई वरिष्ठ नेता हैं जिन्हें कार्यकारिणी में जगह नहीं मिली है। नए लोगों को भी मौका मिलना चाहिए। मैं अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक हूं। मेरी सबसे पहली प्राथमिकता अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सेवा करना है।' बता दें कि मेनका के अलावा उनके बेटे और पीलीभीत सांसद वरुण गांधी को भी इस बार कार्यकारिणी में जगह नहीं मिली है। वरुण गांधी किसान आंदोलन कर सरकार के खिलाफ मुखर हैं। किसानों के समर्थन में वह कई बार पत्र लिख चुके हैं। लखीमपुरी खीरी हिंसा मामले में उन्होंने योगी सरकार की तीखी आलोचना की है। 

लखीमपुर हिंसा पर योगी सरकार पर हमलावर हैं वरुण गांधी

वरुण ने लखीमपुर मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को पत्र लिखकर घटना के संदिग्धों को तत्काल चिन्हित कर हत्या का मुकदमा दर्ज करने और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में केंद्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग भी की थी। गांधी ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए लिखा था, 'इस घटना में संलिप्त तमाम संदिग्धों को तत्काल चिन्हित कर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत हत्या का मुकदमा कायम कर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। इस विषय में आदरणीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय की निगरानी में सीबीआई द्वारा समयबद्ध सीमा में जांच करवाकर दोषियों को सजा दिलवाना ज्यादा उपयुक्त होगा।'

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