Punjab: अवैध रेत खनन मामले में ईडी ने पंजाब के पूर्व सीएम चन्नी के भतीजे के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट 

देश
आईएएनएस
Updated Apr 03, 2022 | 16:49 IST

ईडी को दो बार हनी की हिरासत मिली और बाद में उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन्हें ईडी ने 3 और 4 फरवरी की दरम्यानी रात को गिरफ्तार किया था।

ED files chargesheet against nephew of former Punjab CM
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी  

नई दिल्ली: पंजाब के अवैध रेत खनन मामले में एक नवीनतम विकास में प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप पत्र दायर किया है।मामले में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे हनी और एक अन्य आरोपी के खिलाफ विशेष जालंधर कोर्ट में धन शोधन निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए छह अप्रैल की तारीख तय की है। हनी के वकील हरनीत ओबेरॉय ने आईएएनएस से संपर्क करने पर बोलने से इनकार कर दिया।

ईडी ने कहा था कि हनी टाल-मटोल कर रहा था और जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं कर रहा था।हनी के वकील को वैकल्पिक दिनों में उनसे मिलने की अनुमति दी गई है। आईएएनएस को मिले कुछ दस्तावेजों में कहा गया है कि हनी कथित तौर पर अधिकारियों से तबादलों और पोस्टिंग के एवज में पैसे लेता था।

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सूत्रों ने दावा किया है कि चूंकि हनी चरणजीत सिंह चन्नी के करीबी थे, इसलिए वह (हनी) भारी मुनाफा कमाने के लिए राजनीतिक कनेक्शन का इस्तेमाल कर रहे थे।ईडी के दस्तावेजों के मुताबिक हनी ने कबूल किया है कि यह उसके दस करोड़ रुपये थे जो ईडी ने छापेमारी के दौरान बरामद किए थे। ईडी ने आरोप लगाया है कि उसे अवैध खनन से भी पैसा मिल रहा था।

हनी के बिजनेस पार्टनर कुदरत दीप सिंह का भी बयान दर्ज

ईडी ने 18 जनवरी को होमलैंड हाइट्स समेत दस अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की थी, जो हनी का आवास है। ईडी ने दो दिनों तक अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए। ईडी अधिकारियों ने हनी के बिजनेस पार्टनर कुदरत दीप सिंह का भी बयान दर्ज किया था।

10 करोड़ रुपये नकद से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त

ईडी अधिकारी ने कहा था कि उन्होंने छापेमारी के दौरान अवैध रेत खनन, संपत्ति के लेन-देन, सेल फोन, 21 लाख रुपये से अधिक मूल्य के सोने और 12 लाख रुपये की घड़ी और 10 करोड़ रुपये नकद से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए थे। एक सूत्र ने कहा कि उनके द्वारा बरामद दस्तावेजों से पुष्टि हुई है कि कुदरत दीप सिंह दो फर्म चला रहे थे और भूपिंदर सिंह हनी उनमें संयुक्त निदेशक थे।सूत्रों के अनुसार, ये कंपनियां मूल रूप से मुखौटा कंपनियां थीं। ईडी को बहुत सारे पैसे के लेनदेन का पता चला था। फर्मों में से एक प्रदाता ओवरसीज कंसल्टेंसी लिमिटेड है, जिसे 2018 में 33.33 प्रतिशत समान शेयरों के साथ शामिल किया गया था। ईडी का मामला दो साल पुरानी प्राथमिकी के आधार पर है।

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