कोरोना महामारी के इस दौर में ना जाने कितने लोगों की बगिया उजड़ गई। ऑक्सीजन की कमी, दवाई की किल्लत के लिए लोग दरबदर ठोकर खा रहे हैं। सरकारें कहती हैं कि ना दवाई और ना आक्सीजन की कमी है, इसके बावजूद मरघट पर शवों का रेला जिनके अंतिम क्रियाकर्म में तरह तरह की दिक्कतें आ रही हैं। इन सबके बीच गोरखपुर के कैंपियरगंज इलाके से जो जानकारी सामने आई वो दिल झकझोर देती है। एक महिला के ससुर की दो दिन पहले कोरोना से मौत हुई थी और उसका पति भी कोरोना का इलाज करा रहा था। लेकिन जब अस्पताल वालों ने कहा कि ऑक्सीजन का इस्तेमाल करो तो वो महिला परेशान हो गई और तंग आकर खुद की जान खत्म कर दी।
तीन दिन में सब उजड़ गया
मेडिकल कॉलेज रोड स्थित एक निजी अस्पताल में कैंपियरगंज की रहने वाली महिला अपने पति के इलाज के लिए आई थी जो कोरोना से पीड़ित था। पति को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। अस्पताल ने ऑक्सीजन की व्यवस्था करने को कहा तो महिला के पिता सिलेंडर की व्यवस्था करने निकल पड़े। लेकिन उसी दौरान महिला ने अस्पताल के पिछले हिस्से में जाकर खुदकुशी कर ली। इसकी जानकारी मिलते ही अस्पताल में अफरा तफरी मच गई।
अस्पताल पर संगीन आरोप
महिला के पिता ने बताया कि जब वो ऑक्सीजन लेकर पहुंचा तो अपनी बेटी को नहीं पाये। कुछ देर इंतजार करने के बाद उसके नंबर पर कॉल किया तो फोन नहीं उठा, उसकी तलाश के दौरान किसी ने बताया कि अस्पताल के पीछे एक महिला ने फांसी लगा ली है। जब मौके पर पहुंचा तो देखा बेटी फांसी के फंदे पर लटकी हुई है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जानकारी मिलते ही तुरंत पुलिस को सूचित किया गया। इनके पति का इलाज हमारे हॉस्पिटल में चल रहा है सांस लेने में दिक्कत थी। ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए कहा गया था, चूंकि अस्पताल में ऑक्सीजन कम थी।
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