नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को संसद में साल 2020-21 के लिए बजट पेश कर रही हैं। उन्होंने अपने बजट भाषण में एक कविता का पढ़ी और इस कविता का शीर्षक था 'वतन'। इस कविता को पढ़ने के दौरान संसद में खूब तालियां भी बजीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पीली साड़ी पहनकर और लाल बही (एक तरह का कपडे़ का बस्ता) में बजट लेकर संसद में पहुंचीं।
बसंत पंचमी के ठीक बाद पेश किए जा रहे बजट 2020-21 के दौरान सीतारमण की साड़ी के रंग ने सोशल मीडिया का ध्यान खींचा। वह पीले रंग की साड़ी में आईं जो सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने का अंदाज पिछले वित्त मंत्रियों की तुलना में काफी अलग रहा है। इससे पहले बीते साल जुलाई में अपने पहले बजट के दौरान वह सुनहरे बॉर्डर वाली गुलाबी रंग की साड़ी में आई थी।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दशक का पहला बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अभिनंदन किया। यहां पढ़ें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से संसद में पढ़ी गई कविता-
हमारा वतन खिलते शालीमार बाग जैसा,
हमारा वतन डल झील में खिलते कमल जैसा,
नौजवानों के गर्म खून जैसा,
मेरा वतन- तेरा वतन,
हमारा वतन-दुनिया का सबसे प्यारा वतन।
अपने बजट की शरुआत में वित्त मंत्री ने पूर्व वित्त मंत्री और दिवंगत बीजेपी नेता अरुण जेटली को याद किया और देश में आर्थिक बदलावों में उनकी भागीदारी का जिक्र किया।
चटख लाल रंग के बस्ते में बजट दस्तावेज: बीते साल जिस चीज ने लोगों का सबसे अधिक ध्यान खींचा था वह था- वित्त मंत्री सीतारमण के बस्ते में बजट दस्तावेजों को रखकर लाना। इस बस्ते पर भारत का राजकीय अशोक चिन्ह भी अंकित है और इसकी तुलना परंपरागत भारतीय बहीखातों के बस्ते से की गई।
इस बार भी इसी बस्ते में बजट दस्तावेज लाए गए हैं। सीतारमण से पहले वित्त मंत्री परंपरागत तौर पर चमड़े के गाढ़े कत्थई रंग के ब्रीफकेस में बजट दस्तावेज लाते रहे हैं।
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