चीन की चुनौतियों को चैलेंज: पहली बार होने जा रहा है कि 'क्‍वाड' शिखर सम्‍मेलन, 'ड्रैगन' के खतरों पर होगा फोकस

चीन की चुनौतियों के बीच क्‍वाड देशों का पहला शिखर सम्‍मेलन होने जा रहा है, जिसमें  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की चुनौतियों के बीच इसे बेहद अहम माना जा रहा है।

चीन की चुनौतियों को चैलेंज: पहली बार होने जा रहा है कि 'क्‍वाड' शिखर सम्‍मेलन, 'ड्रैगन' के खतरों पर होगा फोकस
चीन की चुनौतियों को चैलेंज: पहली बार होने जा रहा है कि 'क्‍वाड' शिखर सम्‍मेलन, 'ड्रैगन' के खतरों पर होगा फोकस 

नई दिल्‍ली : हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए क्‍वाड देश (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्‍ट्रेलिया) एकजुट होकर रास्ता तलाशने की तैयारी में जुटे हैं। इसे लेकर चारों देशों के शीर्ष नेताओं का शिखर सम्‍मेलन 12 मार्च को होगा। दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के बीच यह शिखर सम्‍मेलन ऑनलाइन तरीके से आयोजित होने जा रहा है।

क्‍वाड नेता इस दौरान चारों देशों के साझा हितों के साथ-साथ क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। उनके बीच कोविड-19 वैक्‍सीन की आपूर्ति से लेकर जलवायु परिवर्तन और हिंद-प्रशांत क्षेत्र चीन के दखल के बीच इसे मुक्त, खुला और समावेशी बनाए रखने की दिशा में अपेक्षित सहयोग के व्यावहारिक पहलुओं पर भी चर्चा होगी। क्वाड देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने का संकल्प जताया है।

पीएम मोदी भी करेंगे श‍िरकत

इस शिखर सम्‍मेलन में भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा शामिल होंगे। इस शिखर सम्‍मेलन को कई मायनों में खास समझा जा रहा है। यह बैठक ऐसे समय में हा रही है, जबकि हाल ही में भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में डिस्‍एंगेजमेंट और तनाव दूर करने की प्रक्रिया शुरू हुई है।

यह बैठक इस लिहाज से भी खास है कि अमेरिका में राष्‍ट्रपति के तौर पर सत्‍ता संभालने के बाद यह जो बाइडन की एक राष्‍ट्रप्रमुख के तौर पर इस तरह की कोई पहली अंतरराष्‍ट्रीय भागीदारी होगी। व्‍हाइट हाउस की प्रवक्‍ता जेन साकी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्‍वाड देशों के बीच आपसी सहयोग की दृष्टि से यह शिखर सम्‍मेलन बेहद अहम है। उन्‍होंने कहा, कई मुद्दे हैं जिन पर नेताओं के बीच बातचीत होगी।

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