सीमा पर तनाव रहने पर सामान्य नहीं रह सकते भारत-चीन के रिश्ते : विदेश सचिव श्रृंगला

बीजिंग ने पिछले महीने कहा था कि सीमा विवाद को आपसी संबंधों के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। इस समय पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो इलाके से दोनों देशों के सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया चल रही है।

Foreign secretary Harsh Shringla says No normal India-China ties till border tense
सीमा पर तनाव रहने पर सामान्य नहीं रह सकते भारत-चीन के रिश्ते : विदेश सचिव श्रृंगला। (तस्वीर-एमईए) 
मुख्य बातें
  • अपनी दो दिनों की यात्रा पर मास्को पहुंचे हैं विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला
  • विदेश सचिव ने कहा कि सीमा पर तनाव होने पर सामान्य नहीं होंगे रिश्ते
  • पूर्वी लद्दाख में विवाद वाली जगहों से भारत-चीन के सैनिकों की हो रही वापसी

नई दिल्ली : चीन के साथ भारत के संबंधों को जटिल बताते हुए विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा है कि सीमा क्षेत्रों में यदि अतिक्रमण की घटनाएं यदि जारी रहीं तो दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य नहीं रह सकते। बता दें कि बीजिंग ने पिछले महीने कहा था कि सीमा विवाद को आपसी संबंधों के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। इस समय पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो इलाके से दोनों देशों के सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया चल रही है। इस दौरान विदेश सचिव की यह प्रतिक्रिया काफी अहम है।

दो दिन की यात्रा पर मास्को पहुंचे हैं विदेश सचिव
रूसी विदेश मंत्रालय के राजनयिक अकादमी की ओर से आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए विदेश सचिव ने कहा कि एशिया के दो बड़े देशों के बीच रिश्ते कैसे रहते हैं यह निश्चित रूप से सीमा पर बनी रहने वाली स्थिति के ऊपर निर्भर करता है। अपनी दो दिनों की यात्रा पर मास्को पहुंचे श्रृंगला ने कहा, 'मैंने चीन में अपने दोस्तों से कहा है कि सीमावर्ती इलाकों में यदि शांति एवं सद्भाव कायम नहीं रहेगा तो दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य नहीं रह सकते।'

गतिरोध की वजह से रिश्तों पर असर पड़ता है-श्रृंगला
उन्होंने कहा, 'हम सीमा पर अपने जवानों की शहादत नहीं देख सकते। सीमा पर अतिक्रमण की घटना हो और हम सामान्य रिश्ते की तरफ बढ़ें, ऐसा नहीं होता।' विदेश सचिव ने कहा कि सीमा पर बने गतिरोध की वजह से दोनों देशों के रिश्ते पर असर पड़ा है। एलएसी पर विवाद वाली जगहों से सेनाओं की हो रही वापसी को श्रृंगला ने सही दिशा में कदम बताया। उन्होंने कहा कि सैनिकों के पीछे लौटने की प्रक्रिया अगले दो से तीन दिनों में पूरी हो जाने की उम्मीद है।  

भारत यात्रा के लिए लावरोव को निमंत्रण पत्र सौंपा
अपनी इस यात्रा के दौरान विदेश सचिव ने रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की और उन्हें भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की तरफ से नई दिल्ली आने का निमंत्रण पत्र सौंपा। जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष से अपने सुविधानुसार दिल्ली की यात्रा करने का निमंत्रण दिया है। जयशंकर के अनुरोध को लावरोव ने स्वीकार कर लिया है।

दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने पर जोर
श्रृंगला ने कहा कि भारत और रूस को परंपरागत क्षेत्रों से आगे बढ़ते हेएु रेलवे, परिवहन और लॉजिस्टक, औषधि, खनिज तथा इस्पात जैसे नये क्षेत्रों में सहयोग के जरिये अपने व्यापार और आर्थिक आदान-प्रदान को विविधीकृत बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ़ होंगे। उन्होंने कहा कि भारत और रूस का व्यापार 2019-20 में 10.11 अरब डॉलर था जो क्षमता से कम है।

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