बेंगलुरु: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि इतिहास में उन्हें एक 'असफल' प्रधानमंत्री के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने पीएम मोदी पर मूर्ख बनाकर देश के गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। उन्होंने आगे दावा किया कि सरकार COVID-19 राहत पैकेज के रूप में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये में से 25 प्रतिशत भी खर्च नहीं कर रही है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से घोषणाओं की श्रृंखला को कोरोनो वायरस प्रकोप के लिए राहत पैकेज के रूप में संबोधित नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि यह स्वास्थ्य संकट के दौरान भाजपा और क्रोनी कैपिटलिस्टों के एजेंडे को पूरा करने का एक 'घृणित रास्ता' है।
सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण को भारत की संप्रभुता के लिए खतरा बताते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित किए गए अधिकांश निगम उपायों के परिणाम आने में सालों लगेंगे और इसका COVID-19 मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'वास्तव में गरीब लोगों, मजदूरों या किसानों की मदद के लिए वास्तविक खर्च करने के बजाय 'लोन मेला' पैकेज लाया गया है। पीएम मोदी चाहते हैं कि स्ट्रीट वेंडर अपनी आजीविका के लिए सरकार को भोजन या बुनियादी आय देने के बजाय कर्ज लें। सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने की अपनी ज़िम्मेदारी से वंचित होना? यह आत्मानिर्भर भारत नहीं है, लेकिन यह आम लोगों पर देनदारों का बोझ डालने की योजना है।'
उन्होंने कहा, 'श्रीमती इंदिरा गांधी ने 'गरीबी हटाओ' का आह्वान किया, लेकिन पीएम मोदी 'लोन लेके गरीबी बनो' का आह्वान कर रहे हैं। जब तक हम गरीब लोगों को 5% भी लाभ नहीं देंगे, तब तक COVID-19 से ज्यादा भूख के कारण लोग मरेंगे। पीएम को उस गड़बड़ी के लिए जवाब देना होगा जो वह पैदा कर रहे है।'
गौरतलब है कि पीएम मोदी द्वारा 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के तहत कोरोनो वायरस महामारी के नतीजों से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये खर्च करने के ऐलान मद्देनजर सिद्धारमैया ने उन पर बेहद तीखा हमला बोला है। केंद्र सरकार का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज 2019-20 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 10 प्रतिशत है और जापान, अमेरिका, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की ओर से भी ऐसे पैकेज घोषित किए गए हैं।
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