गुलाम नबी आज़ाद ने फिर बढ़ा दी Congress की टेंशन! J&K में बनाए गए थे कमेटी चीफ, दो घंटे के भीतर छोड़ दी पोस्ट

देश
अभिषेक गुप्ता
अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Aug 17, 2022 | 07:34 IST

Ghulam Nabi Azad quits as J&K Congress Committee Chairman: G-23 गुट का हिस्सा रहे आज़ाद के बारे में कहा जा रहा है कि पार्टी में उनकी सिफारिशें नजरअंदाज कर दी गईं, लिहाजा उन्होंने नई जिम्मेदारियां लेने से मना किया है।

Ghulam Nabi Azad, Congress, Jammu and Kashmir
पत्रकारों को संबोधित करते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद।   |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • UT में सियासी हलचल तेज, चर्चा- पार्टी अंदरखाने से खफा हैं गुलाम नबी आज़ाद
  • 'जी 23' के प्रमुख सदस्य आजाद ने ठुकराया कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया का प्रस्ताव
  • गुलाम नबी को RS से रिटायर होने के बाद दोबारा उच्च सदन में न भेजा गया था

Ghulam Nabi Azad quits as J&K Congress Committee Chairman: कांग्रेस के सीनियर नेता गुलाम नबी आज़ाद ने एक बार फिर से अपनी ही पार्टी के लिए टेंशन बढ़ा दी है। दल ने उन्हें जम्मू और कश्मीर इकाई का कैंपेन कमेटी का चेयरमैन और पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी का सदस्य नियुक्त किया था, मगर उन्होंने मंगलवार (16 अगस्त, 2022) को ये दोनों ही पद लेने से साफ इन्कार कर दिया। नियुक्ति के लगभग दो घंटे के भीतर उन्होंने ये पोस्ट्स छोड़ दीं, जिसके बाद इसे पार्टी के लिए सियासी गलियारों में तगड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। 

इस्तीफे के पीछे की वजह फिलहाल उनकी ओर से आधिकारिक तौर पर स्पष्ट नहीं की गई। G-23 (पार्टी के असंतुष्ट नेताओं का गुट, जो पार्टी नेतृत्व का बड़ा आलोचक रहा है और संगठनात्मक बदलाव की मांग करते रहा है) के हिस्सा और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम आज़ाद के बारे में कहा जा रहा है कि पार्टी में उनकी सिफारिशें नजरअंदाज कर दी गईं, लिहाजा उन्होंने नई जिम्मेदारियां लेने से मना किया है। वैसे, पार्टी ने पद न संभालने के पीछे आज़ाद के गड़बड़ स्वास्थ्य का हवाला दिया है।

इस बीच, आज़ाद के एक करीबी नेता ने नाम न बताने की शर्त पर अंग्रेज़ी अखबार 'दि इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि वह अपमानित महसूस कर रहे थे। पार्टी की अंतरिम चीफ सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राजनीतिक मामलों की समिति के वह सदस्य हैं। ऐसे में उन्हें यूटी (केंद्र शासित प्रदेश) की एक अन्य मिलती-जुलती कमेटी में सदस्य के तौर पर शामिल करना अचरज पैदा करने वाला कदम है। ये तो नासमझी वाले निर्णय हैं।

सबसे रोचक बात है कि यह घटनाक्रम तब देखने को मिला, जब ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी यानी कि एआईसीसी ने आज़ाद के करीबी माने जाने वाले विकार रसूल वानी को जम्मू और कश्मीर इकाई का अध्यक्ष और रमन भल्ला को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। दरअसल, कुछ रोज़ पहले जीए मीर ने जम्मू कश्मीर यूनिट के चीफ पद से इस्तीफा (तब आज़ाद के वफादारों की ओर से जम्मू और कश्मीर में खुले तौर पर बगावत देखने को मिली थी) दे दिया था।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर