BJP मेयर्स को PM का 'विकास मंत्र'- सिर्फ गद्दी पर बैठने नहीं आए हैं आप, सत्ता से सेवा करनी है...चुनावी सोच से नहीं किया जा सकता भला

देश
अभिषेक गुप्ता
अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Sep 20, 2022 | 12:31 IST

पीएम नरेंद्र मोदी के अनुसार, "हमारे देश के नागरिकों ने बहुत लंबे अरसे से शहरों के विकास को लेकर भाजपा पर विश्वास रखा है। उसे निरंतर बनाए रखना, उसे बढ़ाना हम सभी का दायित्व है।"

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BJP के मेयर्स को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी। (फोटोः @BJP4India)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • शहरों को वहां ले जाना है, जहां अगली पीढ़ियां आपको याद करें- PM
  • "हमारा प्रयास है कि हमारे शहर समग्र जीवन शैली का हिस्सा बनें"
  • कहा- हम चुनाव वाली सोच से अपने शहरों का भला नहीं कर सकते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (20 सितंबर, 2022) को अपनी पार्टी के गुजरात में मेयर्स और डिप्टी मेयर्स को विकास का मंत्र दिया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने कहा कि आप सिर्फ गद्दी पर बैठने नहीं आए हैं। आपको सत्ता से सेवा करनी है। उन्होंने आगे यह भी बताया कि हमें लोगों की आदतें बदलनी पड़ेंगी। नागरिकों के स्वभाव में बदलाव लाना होगा। बिजली और पानी बचाने, समय पर टैक्स भरने के साथ गंदगी न करने की आदत डालनी पड़ेगी।

राष्ट्रीय महापौर सम्मेलन में उन्होंने कहा- आजादी के अमृत काल में अगले 25 वर्ष के लिए भारत के शहरी विकास का एक रोड मैप बनाने में इस सम्मेलन की बड़ी भूमिका है। हम राजनीति में आए हैं तो सिर्फ गद्दी पर बैठने नहीं आए हैं। सत्ता में बैठने नहीं आए हैं। सत्ता हमारे लिए माध्यम है, लक्ष्य सेवा है। सुशासन के जरिए किस प्रकार हम जनता की सेवा कर सकते हैं, इसके लिए हम काम करते हैं। 

वह आगे बोले- सामान्य नागरिक का संबंध अगर सरकार नाम की किसी व्यवस्था से आता है तो पंचायत से आता है, नगर पंचायत से आता है, नगरपालिका से आता है, महानगर पालिका से आता है। इसलिए इस प्रकार के विचार-विमर्श का महत्व बढ़ जाता है। हमारे देश के नागरिकों ने बहुत लंबे अरसे से शहरों के विकास को लेकर भाजपा पर विश्वास रखा है। उसे निरंतर बनाए रखना, उसे बढ़ाना हम सभी का दायित्व है। 

सुनें, पीएम ने और क्या कुछ कहाः

उनके मुताबिक, "चुनाव वाली सोच से शहर का भला नहीं कर सकते।" पुराने किस्से का जिक्र करते हुए पीएम बोले- अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा था। मेरे पास तब पार्टी के लोग आए और बोले कि चुनाव आने वाला है...आपके ये कार्यक्रम कैसे ले लिया। मुझे याद नहीं रहा था कि चुनाव नजदीक है। जब सब लोग आए तो मैंने कहा बदलाव नहीं होगा। हमें लोगों को समझाना होगा। पता है कि जब अतिक्रमण हटाते हैं तो जिसका जाता है उसे गुस्सा आता है। नाराज होते हैं। पर हमने समझाया तो ईमानदारी से लोग आगे आने लगे। लोगों ने मदद की और रास्ते चौड़े हुए। सही काम करते हैं और जन हित में करते हैं तो लोगों का साथ मिलता है। 

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