नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को 26 अप्रैल तक लॉकडाउन का ऐलान किया। हालांकि इस दौरान उन्होंने प्रवासी मजदूरों से अपील की कि वह अपने घरों की ओर नहीं लौटें। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों से अपील है कि दिल्ली छोड़कर मत जाइएगा। आने जाने में इतना समय खराब हो जाएगा। सरकार आपका पूरा ख्याल रखेगी। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने भी कहा कि प्रवासी मजदूर यहीं रहें। उनको जाने से कोई विशेष फायदा नहीं होगा उनका काम बंद नहीं होगा फिर से शुरू होगा।
लेकिन इसके बाद भी कई प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। आनंद विहार आईएसबीटी पर हजारों लोगों को अपने घर रवाना होने के लिए बस पाने की कोशिश करते देखा गया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आनंद विहार पर आईएसबीटी और रेलवे स्टेशन पर 5,000 से अधिक लोग पहुंच गये और यह संख्या बढ़ती जा रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन की अचानक घोषणा के बाद हजारों की संख्या में लोग आनंद विहार आईएसबीटी पहुंचने लगे। इलाके में तैनात पुलिसकर्मी भी लोगों को समझाने और लौटाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि प्रवासी कामगारों को आशंका है कि दिल्ली में रोजाना कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, ऐसे में लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है।
दिलशाद गार्डन के एक कपड़ा कारखाने में काम करने वाले और उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी मुकेश प्रताप ने कहा कि वह अपने घर जाना चाहते हैं क्योंकि लॉकडाउन बढ़ने के पूरे आसार हैं। पिछले साल भी देश में लॉकडाउन की घोषणा के बाद दिल्ली में काम करने वाले बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के प्रवासियों को बसों, अन्य वाहनों और यहां तक कि पैदल भी अपने घरों की ओर लौटते देखा गया था।
गाजियाबाद में आनंद विहार के पास कौशाम्बी बस स्टेशन पर भी यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई। गोरखपुर के एक मजदूर ने कहा, 'जब मैं नौकरी के लिए कहीं जाता हूं, तो लोग मुझे एक महीने के बाद आने के लिए कहते हैं। अगर मैं काम नहीं करूंगा तो मैं क्या खाऊंगा?'
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