India China border row: मोल्‍डो में मंथन! आज 12वें दौर की सैन्‍य वार्ता, क्‍या निकलेगा समाधान?

India China 12th round of talks: भारत और चीन के बीच मोल्‍डो में आज 12वें दौर की सैन्‍य वार्ता होनी है, जिसमें मुख्‍य रूप से हॉट स्प्रिंग और गोगरा से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया में आगे बढ़ने पर जोर होगा।

भारत और चीन के बीच आज 12वें दौर की सैन्‍य वार्ता होनी है
भारत और चीन के बीच आज 12वें दौर की सैन्‍य वार्ता होनी है  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • भारत और चीन के बीच आज 12वें दौर की सैन्‍य वार्ता होनी है
  • पूर्वी लद्दाख में LAC पर तनाव के बीच यह वार्ता हो रही है
  • इसमें हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा से सैनिकों को हटाने पर जोर होगा

नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बीते साल अप्रैल के आखिर से ही जारी तनाव को दूर करने के लिए दोनों पक्षों के बीच आज सैन्‍य स्‍तर की 12वें दौर की बातचीत होनी है। यह बातचीत LAC से चीन की ओर मोल्डो सीमा बिंदु पर होगी। बातचीत सुबह 10:30 बजे से शुरू होनी है, जिसमें टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया में आगे बढ़ने पर जोर दिया जाएगा।

भारत और चीन के बीच इससे पहले 9 अप्रैल को 11वें दौर की सैन्‍य वार्ता हुई थी। यह LAC से भारतीय सीमा की ओर चुशुल सीमा बिंदु पर हुई थी, जो करीब 13 घंटे चली थी। भारत और चीन के बीच अब 12वें दौर की सैन्‍य वार्ता से हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा से सैनिकों को हटाने को लेकर सार्थक नतीजे निकलने की उम्‍मीद की जा रही है, जिसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह में 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे।

विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीन को दो टूक

यह बातचीत विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा अपने चीनी समकक्ष वांग यी को इस बारे में दो टूक संदेश द‍िए जाने के दो सप्‍ताह बाद हो रही है कि पूर्वी लद्दाख में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति अगर लंबी खिंचती है तो इसका नकारात्‍मक असर द्विपक्षीय संबंधों पर भी पड़ेगा। भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में 14 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान द्विपक्षीय मुलाकात भी की थी, जो एक घंटे चली थी।

बैठक में जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री से स्‍पष्‍ट कहा था कि LAC पर यथास्थिति में कोई भी एकतरफा बदलाव भारत को स्वीकार नहीं होगा। पूर्वी लद्दाख में शांति और स्थिरता बहाल होने के बाद ही पूर्ण संबंध विकसित हो सकते हैं। यहां उल्‍लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच पिछले दौर की सैन्य वार्ता में भी हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई थी, लेकिन चीन की ओर से इसे लेकर कोई गतिविधि नहीं हुई।

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