Indo-China Military Talk:भारत की दो टूक, कहा- चीन को पहले पीछे हटना होगा, अप्रैल वाली स्थिति करे बहाल

देश
रवि वैश्य
Updated Oct 13, 2020 | 20:22 IST

 India China seventh round of military talks:भारत और चीन के बीच सातवें दौर की सैन्य वार्ता सकारात्मक और रचनात्मक रही भारत चीनी सैनिकों की शीघ्र और पूर्ण विस्थापन की अपनी मांग पर अडिग दिखा।

India China seventh round of military talks
भारत अपने रुख पर अडिग रहा कि चीन को अपने कब्जे वाले क्षेत्रों को खाली करना होगा  

भारत और चीन के बीच  7वें दौर की वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष पूर्वी लद्दाख के सभी गतिरोध बिंदुओं से चीनी सैनिकों की शीघ्र और पूर्ण विस्थापन की अपनी मांग पर अडिग था। वास्तविक नियंत्रण के भारतीय क्षेत्र में स्थित चुशुल में लगभग 12 घंटे चली वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के बिंदुओं से सैनिकों को वापस बुलाने के तरीकों पर चर्चा की। भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में सीमा पर पांच महीने से अधिक समय से गतिरोध की स्थिति में हैं।

बैठक के घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, भारत अपने रुख पर अडिग रहा कि चीन को अपने कब्जे वाले क्षेत्रों को खाली करना होगा और मई 2020 में गतिरोध शुरू होने से पहले अप्रैल 2020 तक यथास्थिति बहाल करनी होगी। बयान में कहा गया, 'दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संवाद और संचार बनाए रखने के लिए सहमत हुए, और जल्द से जल्द विघटन के लिए एक पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचे।'

'दोनों पक्षों ने रचनात्मक चर्चा की और इस दौरान एक दूसरे की स्थिति के प्रति आपसी समझ बढ़ी'

भारतीय सेना ने कहा- वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों के पीछे हटने के मुद्दे पर भारत और चीन के बीच गंभीर, व्यापक और रचनात्मक बातचीत हुई और दोनों पक्षों ने रचनात्मक चर्चा की और इस दौरान एक दूसरे की स्थिति के प्रति आपसी समझ बढ़ी। भारत और चीन, सैन्य तथा राजनयिक माध्यम से संवाद और संपर्क बनाए रखने पर सहमत हुए।

भारत चीन वार्ता में इस बात पर सहमति बनी कि यथाशीघ्र सैनिकों के पीछे हटने के लिए दोनों पक्षों को स्वीकार्य समाधान निकालने के वास्ते संवाद बनाये रखा जाएगा। भारत और चीन अपने नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण समझ को गंभीरतापूर्वक क्रियान्वित करने पर सहमत हुए हैं।

सीमा विवाद छठे महीने में प्रवेश कर चुका है

इस विवाद का जल्द समाधान होने के आसार कम ही दिखते हैं क्योंकि भारत और चीन ने बेहद ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगभग एक लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं जो लंबे गतिरोध में डटे रहने की तैयारी है। भारतीय प्रतिनिधमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया मामलों के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव कर रहे हैं।  


 

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