नई दिल्ली : म्यांमार से पुलिसकर्मियों एवं नागिरकों के भागकर मिजोरम में शरण लेने की रिपोर्टों पर भारत सरकार सक्रिय हो गई है और वह इस पूरे मामले पर करीबी नजर रखना शुरू कर दिया है। म्यांमार संकट पर भारत ने शुक्रवार को सधी और सतर्क प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दोहराया कि भारत म्यांमार में संकट के शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर है। एक वर्चुअल मीटिंग में श्रीवास्तव ने कहा, 'म्यांमार के ताजा हालात पर हमारी करीबी नजर बनी हुई है। इस मामले पर हम अपने सहयोगी देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं। हमने पहले भी कहा है कि संकट का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए।'
सेना की गोलीबारी में 38 लोगों के मारे जाने का दावा
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि म्यांमार में सेना ने प्रदर्शनकारियों की आवाज दबाने के लिए उन पर कड़ी कार्रवाई की है। रिपोर्टों में कहा गया है कि लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों की आवाज दबाने के लिए सेना ने उन पर गोलीबारी की जिसमें 38 लोगों की जान गई। रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि सेना एवं पुलिस के दमन से घबराकर कम से कम 19 पुलिसकर्मी वहां से भागकर मिजोरम पहुंचे हैं। ये पुलिसकर्मी वे हैं जिन्होंने नागरिकों पर गोली चलाने से मना कर दिया। अब वे मिजोरम में शरण चाहते हैं। म्यांमार के नागरिकों एवं पुलिसकर्मियों के भारत में आने की रिपोर्टों पर श्रीवास्तव ने कहा कि इन रिपोर्टों की हम जांच कर रहे हैं और एक बार ज्यादा जानकारी मिलने पर हम इस पर जवाब देंगे।
सेना ने सरकार का तख्तापलट कर आपातकाल लगाया
बता दें कि म्यांमार की सेना ने गत एक फरवरी को लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार का तख्तापलट करते हुए एक साल के लिए देश में आपातकाल घोषित कर दिया। सेना की इस कार्रवाई के खिलाफ लोग सड़कों पर आ गए हैं। वे लोकतंत्र को बहाल करने की मांग को लेकर देश भर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। सेना के खिलाफ नागरिकों का यह प्रदर्शन चौथे सप्ताह में प्रवेश कर गया है। देश भर में हो रहे प्रदर्शनों को दबाने के लिए सेना ने सख्ती अपनाते हुए सड़कों पर टैंक और सैनिक उतार दिए। प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बर्बर एवं हिंसक कार्रवाई होने की रिपोर्टें हैं।
मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्ट में हालात सामने आए
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार गत रविवार को म्यांमार में सेना की कार्रवाई में कम के कम 18 लोग मारे गए और 30 से ज्यादा लोग घायल हुए। एनएचके वर्ल्ड ने म्यांमार स्थित एक मानवाधिकार समूह के हवाले से कहा है कि मंगलवार के प्रदर्शन को कवर करने वाले कम के कम 15 रिपोर्टर एवं कैमरा दल के सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। म्यांमार में तख्तापलट और नागरिकों पर दमनचक्र चलाने के लिए वहां की सेना की दुनिया भर में निंदा हो रही है। अमेरिका सहित विश्व के कई देशों ने म्यांमार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल करने के लिए सेना पर दबाव बनाया है लेकिन वैश्विक दबाव का उस पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। सैन्य तख्तापलट के बाद सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया है।
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