Ladakh में वायुसेना के बाद आर्मी ने दिखाई ताकत, दुर्गम इलाकों में ऑपरेशन के लिए तैयार है टैंक रेजीमेंट

देश
किशोर जोशी
Updated Aug 09, 2021 | 10:00 IST

पूर्वी लद्दाख में वायुसेना के बाद अब भारतीय सेना (Indian Army) ने अपनी ताकत दिखाई है। आर्मी की टैंक रेजीमेंट लद्दाख के दुर्गम इलाकों में ऑपरेशन के लिए पूरी तरह तैयार है।

Indian Army tank regiments prepared for operations in high altitude areas of Eastern Ladakh
लद्दाख में अब आर्मी की टैंक रेजीमेंट ने दिखाई ताकत, Video 
मुख्य बातें
  • लद्दाख में चीन से लगी सीमा पर आर्मी की टैंक रेजीमेंट ने दिखाया दम
  • पैंगोंग झील और गोगरा जैसे ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर सैन्य वापसी के बावजूद भी टैंकों की तैनाती

नई दिल्ली: भारतीय सेना द्वारा पूर्वी लद्दाख में बड़े पैमाने पर अपने टैंकों की तैनाती शुरू करने के एक साल से अधिक समय के बाद अब बख्तरबंद रेजिमेंटों ने अपनी मशीनों का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए अभ्यास शुरू किया है। ये टैंक दुर्गम इलाकों, 14,000 फीट से 17,000 फीट की ऊंचाई पर ऑपरेशन के लिए तैयार हैं। भारतीय सेना ने पिछले साल ही टी-90 भीष्म और टी-72 अजय टैंकों के साथ  रेगिस्तान और मैदानी इलाकों में तैनाता बीएमपी सीरीज इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स को इन ऊंचाई वाले स्थानों पर बड़े पैमाने पर लाना शुरू कर दिया था।

दुर्गम इलाकों में तैनाती

 इसकी शुरूआत ऑपरेशन स्नो लेपर्ड से तब हुई जब पिछली गर्मियों में पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। सेना के एक अधिकारी ने एएनआई को बताया, 'हम पहले ही पूर्वी लद्दाख की इन ऊंचाइयों पर -45 डिग्री तक तापमान का अनुभव करते हुए एक साल बिता चुके हैं। हमने ऐसी विषम परिस्थितियों और दुर्गम इलाकों में टैंकों को संचालित करने के लिए अपने दिशा-निर्देश तैयार किए हैं।' 

सीमा से कुछ ही दूरी पर भारतीय सेना का अभ्यास

 पैंगोंग झील और गोगरा ऊंचाई जैसे कुछ स्थानों पर सैन्य बलों की वापसी के बावजूद, दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है। भारतीय सेना ने भी इन क्षेत्रों में ऊंचाई वाले इलाकों पर किसी भी खतरे या चुनौती से निपटने के लिए टैंक और आईसीवी की तैनाती के साथ अपने अभियानों को मजबूत करना जारी रखा है।  टैंक युद्धाभ्यास चीन सीमा से मुश्किल से 40 किलोमीटर दूर एक स्थान पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किया गया।

पूरी तरह तैयार हैं टैंक

 एक अधिकारी ने कहा, 'अब इन टैंकों के रखरखाव पर जोर दिया जा रहा है क्योंकि अत्यधिक सर्दियां रबर और अन्य भागों पर प्रभाव डाल सकती हैं। अगर हम इन टैंकों को अच्छी तरह से रखरखाव कर सकते हैं, तो हम इन्हें यहां बहुत लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकते हैं।' मई 2020 में पूर्वी लद्दाख के फिंगर क्षेत्र और गलवान घाटी जैसे स्थानों पर चीनी आक्रमता का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने बड़ी संख्या में पुरुषों और मशीनों को शामिल करना शुरू कर दिया था। इस दौरान इन इलाकों में हिंसक झड़पें भी हो चुकी हैं।

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